अब साल में दो बार आयोजित होगी सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने दी जानकारी
नई दिल्ली। भारत में शिक्षा मंत्रालय 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूली शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) शुरू करने पर काम कर रहा है। रूपरेखा में 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए प्रति वर्ष दो बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दोनों होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम (एनसीएफ) तैयार है और 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए इसके लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी। प्रधान के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही संबंधित बोर्ड्स की तरफ से साल में दो बार परीक्षाओं को आयोजित कराने के लिए निर्देश जारी किए जा सकते हैं। बता दें कि अभी साल में बोर्ड परीक्षाएं एक बार आयोजित की जा रही हैं। ऐसे में किसी भी स्टूडेंट्स को फेल होने पर सिर्फ कंपार्टमेंटल और स्क्रूटनी का रास्ता ही पास होने के लिए बचता है।
पाठ्यक्रम ढांचे के लिए दिशा निर्देश जारी :
शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे ने स्कूली शिक्षा के लिए दिशानिर्देश दिए हैं। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं अब दो बार आयोजित की जाएंगी और यह सत्रवार यानी कि टर्मवाइज नहीं होंगी, अब छात्रों को बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के दो अवसर मिलेंगे।
11वीं-12वीं में होगी दो भाषाओं की पढ़ाई :
कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को अब से दो भाषाएं पढ़नी होंगी और कम से कम एक भाषा भारतीय भाषा होनी चाहिए। वहीं, ये भाषाएं विषयों की पसंद स्ट्रीम तक सीमित नहीं होगी। इस संबंध में जल्द संबंधित बोर्डों की तरफ से भी निर्देश जारी किया जाएगा।
विषय चयन में होगा लचीलापन
कक्षा 11, 12 में विषयों का चयन स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं होगा, छात्रों को इसमें लिए जाने वाले विषयों को चुनने में लचीलापन मिलेगा। समय के साथ, स्कूल बोर्डों को उचित समय में आॅन डिमांड परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करनी होगी।
इन कारणों से लिया फैसला
- छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी।
- छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने पर्याप्त समय और अवसर मिले।
- छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं, जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है।
- महीनों की कोचिंग और याद करने के बजाय एचिवमेंट पर फोकस होंगे।
स्टूडेंट्स को मिलेगी अनुभव आधारित व तनावरहित शिक्षा
केंद्रीय विद्यालयों की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं अगले सत्र से दो सेमेस्टर यानि साल में दो बार लिए जाने का निर्णय निश्चित ही सराहनीय कदम है। इससे बच्चों के सिर से पढ़ाई का बोझ कम होगा और रटने की प्रवृत्ति कम होगी। इसके साथ ही एनईपी में निहित तनाव रहित शिक्षा देने का उद्देश्य पूर्ण होगा। चूंकि, सेमेस्टर सिस्टम के साथ परीक्षा का पैटर्न भी बदलेगा। बच्चों को व्यवहारिक और अनुभव आधारित शिक्षा दी जाएगी। यानि कोर्स में जो पढ़ाया गया, उसके सीधे प्रश्न उत्तर होने के बजाय उसे समझकर ज्ञानवर्धक और विश्लेषणात्मक उत्तर देना होंगे। - डॉ. राजेश शर्मा, काउंसलर, सीबीएसई, भोपाल