अंतरराज्यीय मार्गों पर संचालित बसें आचार संहिता खत्म होने के बाद ही चल सकेंगी
ग्वालियर। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित अन्य अंतरराज्यीय मार्गों पर अस्थायी परमिट के जरिए संचालित होने वाली 70 से अधिक बसें संभवत: आचार संहिता खत्म होने के बाद ही रूटों पर चल सकेंगी, क्योंकि परिवहन विभाग ने राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव का प्रभार किसी अधिकारी को नहीं दिया है। परमिट जारी नहीं होने से बसें 1 अप्रैल से रूटों पर नहीं जा पा रही हैं। बस ऑपरेटर परमिट के लिए परिवहन मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, मगर सुनवाई नहीं हो रही है। बसों के नहीं चलने से लोगों को भी परेशानी हो रही है।
जानकारी के अनुसार 70 अस्थायी परमिट, 40 स्थायी परमिटों के रिन्यूअल सहित कई 150 फाइलें रुकी हुई हैं। परिवहन विभाग में संयुक्त परिवहन आयुक्त प्रशासन के पद पर कार्यरत नरोत्तम भार्गव का तबादला 9 मार्च को जीडीए सीईओ के रूप में होने के बाद विभाग ने संयुक्त परिवहन वित्त प्रमोद सक्सेना को संयुक्त परिवहन आयुक्त प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार दिया। मगर राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव पद का प्रभार किसी अधिकारी को नहीं दिया, पद अभी रिक्त है, यही वजह है कि जिन परमिटों की वैधता 31 मार्च को खत्म हो गई थी, उन्हें नियम 87(1) के तहत नए अस्थायी परमिट जारी होना थे। परमिट नहीं होने के कारण बसों का संचालन 1 अप्रैल से बंद है।
अपर परिवहन आयुक्त उमेश जोगा ने परमिट जारी नहीं होने से विभाग को हो रहे राजस्व के नुकसान और बसों के नहीं चलने से पब्लिक को हो रही परेशानी को देखते हुए परिवहन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव परिवहन को पत्र भेजा था, जिसके जरिए उन्होंने कहा था कि एसटीए सचिव पद किसी अधिकारी को देकर परमिट जारी किए जा सकते हैं। क्योंकि यह रूटीन वर्क है, इससे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा, लेकिन विभाग ने कोई निर्णय नहीं लिया है। इसलिए माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद ही अंतरराज्यीय मार्गों पर अस्थायी परमिट जारी हो पाएंगे।
अंतरराज्यीय मार्गों पर अस्थायी परमिट पर संचालित बसों को परमिट जारी हो सकें, इसके लिए राज्य परिवहन प्राधिकार सचिव का प्रभार दिए जाने को लेकर पत्र आयुक्त और अपर मुख्य सचिव परिवहन को भेजा था, मगर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उमेश जोगा, अपर परिवहन आयुक्त म.प्र.
अंतरराज्यीय मार्गों पर अस्थायी परमिट पर संचालित बसों के परमिट सहित 150 से अधिक फाइलें पेंडिंग हैं मगर एसटीए के सचिव का पद खाली होने से परमिट जारी नहीं हो पा रहे हैं। बसों के नहीं चलने से बस ऑपरेटरों को नुकसान हो रही है, साथ ही पब्लिक भी परेशान है। पद्म गुप्ता,बस ऑपरेटर बालाजी बस सर्विस