रूटों पर नहीं चली बसें टेम्पो ऑटो भी कम चले यात्री हुए परेशान
ग्वालियर। हिट एंड रन मामले में किए गए संशोधन का देश भर में विरोध हो रहा है। बस और ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए हैं। शहर के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से हर दिन 500 से 600 बसें भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, शिवपुरी, झांसी, दिल्ली व अन्य रूटों पर जाती हैं, लेकिन सोमवार को यहां सन्नाटा पसरा रहा। बसें खड़ी थीं, लेकिन इन्हें चलाने वाले ड्राइवर गायब थे। ऐसा ही हाल झांसी रोड स्थित बस स्टैंड का था। गंतव्य तक जाने के लिए लोग स्टैंड पर आ रहे थे, मगर ड्राइवरों के हड़ताल पर होने की जानकारी मिलने पर वह दूसरे विकल्प तलाश रहे थे। नियम में सजा और जुर्माना बढ़ाए जाने के विरोध में बड़े कमर्शियल चालक ही नहीं बल्कि टेंपो और ऑटो चालकों ने विरोध स्वरूप गाड़ियां नहीं चलाईं। बस स्टैंड पर जो ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा सवारियों को ले जा रहे थे, उन्हें हड़ताली चालकों ने रोककर सवारियां को उतारा। इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी। इसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दोपहर तक नहीं हुई पेट्रोल-डीजल की सप्लाई
हड़ताल के चलते शहर के चंद पेट्रोल पंप पर दोपहर करीब एक बजे तक पेट्रोल एवं डीजल की सप्लाई प्रभावित रही, लेकिन दोपहर बाद हालात सामान्य रहे। पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सेठी ने बताया कि दोपहर करीब एक बजे कुछ ड्राइवर ने रायरू स्थित डिपो से वाहन नहीं लाए, लेकिन प्रशासन की सख्ती व समझाइश के बाद सभी काम पर वापस लौट आए। हालांकि इस घोषणा को लेकर कुछ पेट्रोल पंप संचालकों ने पहले ही दो-तीन दिनों का स्टॉक कर लिया था। अध्यक्ष की मानें तो जिले में 215 पेट्रोल पंप हैं और इन पर हर रोज 4.50 लाख लीटर पेट्रोल व 4 लाख लीटर डीजल की सप्लाई होती है।
कहां से लाएंगे 10 लाख रुपए, नियम सही नहीं
ग्वालियर से झांसी रूट पर बस चलाने वाले चालक जितेंद्र सिंह यादव का कहना है कि केंद्र सरकार ने दुर्घटना मामले में 10 लाख रुपए जुर्माना और 7 साल की सजा का प्रावधान किया है। अब दुर्घटना होने पर हम 10 लाख रुपए कहां से लाएंगे। ड्राइवर अगर बस सही चला रहा है और कोई दोपहिया या चार पहिया आकर टकरा जाता है तो गलती बस ड्राइवर की मानी जाएगी और केस उसके खिलाफ ही दर्ज होगा। कानून में बदलाव होना चाहिए। हड़ताल 3 जनवरी तक है अगर कानून नहीं बदलता है तो हड़ताल आगे बढ़ेगी।