उपभोक्ताओं पर बिजली के दाम बढ़ाकर डाला गया बोझ
जबलपुर। नियामक आयोग ने 1 अप्रैल से बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी की है। नए टैरिफ में वर्तमान रेट से 2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तय की गई है। इससे आम उपभोक्ता पर नियामक आयोग ने बोझ डाला है। वहीं लोगों का कहना है कि इसका असर महंगाई पर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व क्षेत्र कंपनी ने अपने अधिकार क्षेत्र के 63 हजार उपभोक्ताओं से कुछ माह पहले ही लोड़ बढ़ाने के नाम पर करोड़ों की आय अर्जित की है। घरेलू उपभोक्ताओं से 250 से 350 रुपए एकमुश्त बिल के साथ भेज दिए गए थे। लाचार उपभोक्ताओं ने मोबाइल पर आए मैसेज के साथ उक्त राशि जमा कर दी थी।
11 फीसदी बढ़ेगी महंगाई
बिजली के रेट बढ़ने से महंगाई रेट में 11 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। मार्च में महंगाई रेट 9.3 प्रतिशत रहा। यह कहना है सीनियर सिटीजन का। सुभाष चंद्रा ने कहा कि जून-जुलाई में महंगाई रेट स्थिर रहता है लेकिन बिजली के रेट बढ़ने से महंगाई रेट में वृद्धि की आशंका है। अन्य संगठनों से डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, आरएस तिवारी, सुशीला कनौजिया ने राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
पर्याप्त बिजली फिर भी इजाफा
लोगों का कहना है कि एक समय था जब अन्य राज्यों से बिजली खरीदना महंगा पड़ रहा था। वर्तमान में प्रदेश में सरप्लस बिजली है। वहीं दूसरे राज्यों को बिजली बेची जा रही है। इसके बाद भी स्थानीयजनों के ऊपर बिजली बिल बढ़ाकर जेब खाली कर रहे हैं।
किसानों को होगा नुकसान
भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केके अग्रवाल के अनुसार वर्तमान में सिंचाई का सीजन चल रहा है। रात में 10 घंटे बिजली देने का प्रावधान है। इसमें भी एक से डेढ़ घंटे कटौती की जा रही है। इसके उलट रेट बढ़ने से किसानों को और नुकसान होगा।