एफएम, ओटीटी से ‘मामा’ की ब्रांडिंग, 30 सेकंड में बता रहे 20 साल पहले के मप्र की तस्वीर

सरकार या चुनावी योजनाओं से जो वर्ग सीधे नहीं जुड़ा, उनके लिए भाजपा का रेडियो फॉर्मूला

एफएम, ओटीटी से ‘मामा’ की ब्रांडिंग, 30 सेकंड में बता रहे 20 साल पहले के मप्र की तस्वीर

भोपाल। विधानसभा चुनाव में हर हाल में जीत के लिए भाजपा रेडियो से लेकर सोशल मीडिया तक हर माध्यम से ‘ब्रांड मामा’ को मजबूत कर रही है। 15 से 30 सेकंड्स के विज्ञापन के जरिए वोटरों के मन में यह बात बैठाने की कोशिश की हो रही है कि शिवराज सरकार आने के बाद मप्र ने विकास के नए आयाम जोड़े हैं। एफएम रेडियो पर प्रसारित विज्ञापनों में गौर करने वाली बात यह है कि श्रोताओं के मन में शिवराज की ‘मामा’ और ‘भैय्या’ वाली छवि मजबूत बनाई जा रही है। ‘जब साथ है शिवराज मामा और मप्र सरकार’ या ‘शिवराज भैय्या और मप्र सरकार’ की पंच लाइन के साथ विज्ञापन चलाए जा रहे हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘लाड़ली बहना’ और ‘सीखो कमाओ योजना’ के विज्ञापन चल रहे हैं। कुछ विज्ञापनों में ‘मोदी जी, शिवराज जी की सरकार’ का भी उपयोग किया जा रहा है। इनके जरिए भाजपा 19 साल के शासन की तुलना पूर्व की कांग्रेस सरकार से कर रही है। छात्र और युवा: 2003 से पूर्व शिक्षा का स्तर कमजोर था और कौशल विकास का जिक्र नहीं था। शिवराज की सरकार ने शिक्षा के साथ कौशल विकास के अवसर दिए। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के साथ टेक्नीशियन, इलेक्ट्रीशियन जैसे 700 क्षेत्रों में ट्रेनिंग के अवसर दिए जा रहे 

रेडियो पर विज्ञापन, ताकि अलग से समय न निकालना पड़े:

दरअसल, भाजपा लोगों की व्यस्त जिंदगी से चंद मिनट निकालने के लिए रेडियो का बेहतर इस्तेमाल कर रही है। पार्टी ने प्रचार के लिए कई रेडियो विज्ञापन दिए हैं। भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं कि पार्टी योजनाओं और कामों को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करती है। व्यस्त लोगों तक पहुंचने का रेडियो अच्छा तरीका है, जो काम पर आने-जाने के समय वाहन में एफएम रेडियो चलाते हैं।

रेडियो के कुछ विज्ञापन, और इनसे वर्ग विशेष के बीच छवि गढ़ती सरकार

1 2003 के पहले किसानों को न फसल बीमा का पैसा मिलता था न खाद-बीज। फसल के लिए सपोर्ट प्राइस नहीं था। लोन भी भारी ब्याज पर मिलते थे। कर्ज माफी के झूठे सपने थे। लागत बढ़ती रही, उत्पादन कम होता रहा और कर्ज चढ़ता रहा। शिवराज मामा की सरकार में विकास कार्यों से कृषि विकास दर 18.89 प्रतिशत और खाद्यान्न का उत्पादन 619 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। फसल खराब होने पर सहायता देने में प्रदेश सबसे आगे है और किसानों का 20,123 करोड़ का ब्याज माफ किया गया है। नीति से किसानी बनी लाभ का व्यापार। हर कदम पर आपके साथ शिवराज सरकार। संदेश: शिवराज के सीएम बनने के बाद किसानों की हालत सुधरी। फिर सरकार बनी तो और बेहतर होगी।

2 मप्र की बेटियां जन्म से बनीं लखपति, मोदी जी शिवराज जी की सरकार में 46 लाख बेटियों की हुई उन्नति। 20 साल विकास के 20 विश्वास के। गरीब कल्याण महाभियान से जुड़ने के लिए 000 पर मिस्ड कॉल करें। संदेश: मोदी-शिवराज की ब्रांडिंग। इससे सरकार ने बेटियों पर से ‘बोझ’ वाला टैग हटाया।

3 आदिवासियों में आया सुधार, मोदी जी शिवराज जी की सरकार में मिला जल-जंगल-जमीन का अधिकार, 20 साल विकास के 20 विश्वास के। गरीब कल्याण महाभियान से जुड़ने के लिए 000 पर मिस्ड कॉल करें। संदेश: गरीबों-आदिवासियों को उनके अधिकार सिर्फ मोदी-शिवराज ने ही दिए।