केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा का कहर, 3 बच्चों की मौत, संक्रमण का चौथा मामला आया सामने; जानें इसके Symptoms

केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा का कहर, 3 बच्चों की मौत, संक्रमण का चौथा मामला आया सामने; जानें इसके Symptoms

कोझिकोड (केरल)। केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा के संक्रमण का एक और मामला सामने आया है। ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ दूषित जल में पाए जाने वाले अमीबा से होता है। उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले का पय्योली निवासी 14 वर्षीय बालक में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। लड़के का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मई के बाद से राज्य में अमीबा से होने वाले संक्रमण का यह चौथा मामला है और अब तक के मामलों में बच्चे ही इससे पीड़ित हुए हैं। पहले के मामलों में तीनों बच्चों की मौत हो चुकी है।

बालक की हालत में लगातार सुधार

बालक का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि उसे 1 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। डॉक्टर ने शनिवार को बताया कि किशोर में संक्रमण की शीघ्र पहचान कर ली गई और विदेश से दवाइयां मंगाने सहित अन्य उपचार दिए गए।

दिमाग खाने वाले संक्रमण से 3 मौत

इससे पहले 3 जुलाई (बुधवार) को 14 वर्षीय एक किशोर की इसी संक्रमण से मौत हो गई थी। मलप्पुरम की 5 वर्षीय लड़की और कन्नूर की 13 वर्षीय किशोरी की क्रमशः 21 मई और 25 जून को दिमाग खाने वाले संक्रमण के कारण मौत हो गई थी।

बच्चों की स्विमिंग पूल में एंट्री बंद

संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को एक बैठक की जिसमें संक्रमण को रोकने के लिए गंदे जलाशयों में न नहाने सहित कई सुझाव दिए गए। बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि स्विमिंग पूल में क्लोरीन डाला जाना चाहिए और बच्चों को इनमें प्रवेश करते समय सावधान रहना चाहिए, क्योंकि वे इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी लोगों को जलाशयों को साफ रखने का ध्यान रखना चाहिए।

क्या होता है दिमाग खाने वाला अमीबा?

प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी एक प्रकार का एक-कोशिका वाला जीव है, जिसे अमीबा के नाम से भी जाना जाता है। ये एक ब्रेन इंफेक्शन है। इसे आमतौर पर ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कहा जाता है, क्योंकि जब अमीबा युक्त पानी नाक में जाता है तो यह ब्रेन को इंफेक्टेड कर देता है। यह झीलों, नदियों और झरनों जैसे मीठे पानी के वातावरण में पनपता है। यह दिमाग को संक्रमित करके उसके ऊतकों को नष्ट कर सकता है। अमीबा इंसान के मस्तिष्क को संक्रमित कर मांस खा जाता है।