बूथ मैनेजमेंट: आशंकाओं और शिकायतों के चलते जिम्मेदारों की क्लास ले रहे प्रत्याशी

बूथ मैनेजमेंट: आशंकाओं और शिकायतों के चलते जिम्मेदारों की क्लास ले रहे प्रत्याशी

जबलपुर। चुनाव हो गए हैं अब परिणाम आने हैं,इसके बीच जिन बूथों पर प्रत्याशियों को स्थिति कमजोर समझ में आ रही है और इसके लिए उन्हें उनके लोग शिकायत व सूचना दे रहे हैं तो ऐसे में बूथों की जवाबदारी जिन्हें दी गई थी उनकी क्लास ली जा रही हैं। इन्हें साफ तौर पर चेतावनी दी जा रही है कि यदि चुनाव परिणाम विपरीत गए तो उनकी खैर नहीं। जिले की आठों विधानसभाओं में कुल 2130 बूथ हैं। इनमें से 500 बूथ क्रिटिकल यानि संवेदनशील की श्रेणी में हैं जिनमें सबसे ज्यादा पूर्व क्षेत्र में 89 बूथ हैं। संवेदनशील उन बूथों को कहा जाता है जहां विवाद की संभावना होती है। यहां पर प्रशासन व पुलिस की नजर अधिक होती है। अब जबकि चुनाव संपन्न हो चुके हैं तो प्रत्याशी पूरी व्यवस्था का पोस्टमार्टम कर रहे हैं। ऐसे में उनके पास विभिन्न बूथों से शिकायतें पहुंच रही हैं कि यहां पर मतदान में जिम्मेदारों ने कम ध्यान दिया या लापरवाही की है। चुनाव की थकान उ तार चुके प्रत्याशी अब ऐसे जिम्मेदारों की खबर ले रहे हैं।

भरपूर पैसा दिया जाता है

बूथ पर अमूमन प्रत्याशी की ओर से 2 लोग तैनात किए जाते हैं जो कि हर मतदाता के मतदान पर नजर रखते हैं।इनकी भूमिका फर्जी मतदान रोकने या किसी भी तरह की शंका संदेह होने पर आपत्ति करना होता है। ये प्रत्याशी के खास कार्यकर्ता होते हैं जिन्हें सुबह से शाम तक बूथ पर तैनात रहना होता है इसके बदले में इन्हें खासी रकम भी दी जाती है जो प्रत्येक को 2 हजार या इससे ज्यादा भी होती है। हर प्रत्याशी बूथ मैनेजमेंट के लिए अलग मद रखता है।

माइनस रिपोर्ट कर रही लाल-पीला

जिन बूथों में रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है वहां प्रत्याशी को कोई दिक्कत नहीं है मगर जिन बूथों में रिपोर्ट निगेटिव मिल रही है वहां वे लाल-पीले हो रहे हैं और बूथों में तैनात कार्यकर्ताओं को तलब किया जा रहा है। प्रत्याशियों को अपने एजेंट से मिले रिकॉर्ड का प्रशासन के रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। प्रतिशत दोनों में समान मिल रहे हैं वहां तो ठीक मगर जहां अंतर मिल रहा है वहां एजेंट की लापरवाही मानी जा रही है। इस बार ऐसे कई बूथ हैं जहां बंपर वोटिंग हुई है वहां के पिछले चुनाव के परिणामों से तुलना की जा रही है। खराब रिपोर्ट मिलने पर एजेंटों को सामने बुलाकर खरी-खोटी सुनाने से लेकर उसे घर तक में फोन कर गरिआया जा रहा है। साथ ही धमकी भी दी जा रही है कि यदि 3 तारीख को तुम्हारे कहे मुताबिक बूथ के परिणाम न आए तो तुम्हारी खैर नहीं।