संसद के दोनों सदनों में बिल पास, तीनों सेनाएं करेंगी साथ-साथ काम
नई दिल्ली। सेना में सुधार के लिए मोदी सरकार एक अहम बिल लेकर आई है। इसका नाम- इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लीन) बिल 2023 है। मंगलवार को ये बिल राज्यसभा में पास हो चुका है। राज्यसभा में ये बिल ध्वनिमत से पास हो गया। लोकसभा में ये बिल 4 अगस्त को ही पास हो गया था। इस बिल को राज्यसभा में पेश करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत किसी भी युद्ध का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो रक्षा खर्च बढ़ाकर जीडीपी का 5-6 प्रतिशत भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिल का मकसद तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बनाना है। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि ये बिल भारत के सैन्य सुधारों के दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। फिलहाल, ये बिल लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों से पास हो चुका है। और अब राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कानून बन जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जैसी परिस्थितियां हैं, उसे ध्यान में रखते हुए सेनाओं को सशक्त करना बेहद जरूरी है।
यह होगा फायदा
- ये बिल सेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों और कर्मियों के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों पर भी लागू होगा। इस बिल के तहत, केंद्र सरकार एक इंटर-सर्विस ऑर्गनाइजेशन का गठन कर सकती है। इसमें तीनों सेनाओं में से कम से कम दो कर्मी होंगे।
- ये बिल इंटर-सर्विस ऑर्गनाइजेशन के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को बेहतर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियां देता है।
- इस बिल के पास होने के बाद माना जा रहा है कि देश में थिएटर कमांड बनाने का रास्ता भी साफ हो गया है।
- थिएटर कमांड का मकसद भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाना है।
देश में अभी 17 कमांड्स हैं, 3 नौसेना के पास
- देश में अभी तीनों सेनाओं की अलग- अलग 17 कमांड्स हैं। इनमें 7-7 कमांड्स थल सेना और वायुसेना के पास हैं तो 3 नौसेना के पास।
- देश में अभी सिर्फ एक ही थिएटर कमांड है। इसकी स्थापना 2001 में अंडमान निकोबार में की गई थी।
- इनके अलावा एक स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड है जो परमाणु हथियारों को सुरक्षा देता है और उसे संभालता है।
योजना: ये 4 थिएटर कमांड बन सकती ह
पश्चिमी थिएटर कमांड: इसके तहत पाक की सीमा से सटे पंजाब, राजस्थान और गुजरात का कच्छ इलाका आएगा। अभी क्षेत्र की रखवाली पश्चिमी, दक्षिणी- पश्चिमी और दक्षिणी कमांड कर रही है। उत्तरी थिएटर कमांड: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पहाड़ी इलाका आएगा। इस कमांड से पाक,चीन पर नजर रखी जाएगी। अभी ये उत्तरी कमांड के तहत आता है। पूर्वी थिएटर कमांड: पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं के निगरानी के लिए बनाया जाएगा। अभी इन इलाकों को सेना और वायुसेना की पूर्वी कमांड देख रही है। दक्षिणी थिएटर कमांड: तीनों तट- पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी की रक्षा करेगा। अभी ये नौसेना और वायुसेना की कमांड में आता है।
अमेरिका के पास 11 थिएटर कमांड्स हैं
- अमेरिका में अभी कुल मिलाकर 11 थिएटर कमांड्स हैं। इनमें से 6 पूरी दुनिया को कवर करते हैं। वहीं, चीन के पास भी 5 थिएटर कमांड्स हैं।
- चीन भारत को अपने पश्चिमी थिएटर कमांड के जरिए हैंडल करता है।
- रूस के पास भी 4 थिएटर कमांड्स हैं, जो बड़े क्षेत्र को कवर करते हैं।
देश में हैं 15 लाख सशक्त बल
अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल हैं। इन्हें एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है। थिएटर कमांड का एक फायदा ये भी होगा कि इससे सेना के आधुनिकीकरण का खर्च कम होगा। किसी भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ एक सेना नहीं करेगी, बल्कि उस कमांड के अंदर आने वाले सभी सैन्य बलों को इसका फायदा होगा।
सेना को मजबूती देगा
बिल का मकसद सैन्य बलों की अनुशासन की परंपरा को और मजबूत करना है। अनुशासन से ही एक सैनिक का न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि एकता की भावना भी बढ़ती है। ये बिल सैन्य बलों में अनुशासन बनाए रखने तुरंत कार्रवाई करने का प्रावधान करता है। - राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री