भोपाल गैस त्रासदी मामला: एसीएस सुलेमान सहित अन्य को राहत

भोपाल गैस त्रासदी मामला: एसीएस सुलेमान सहित अन्य को राहत

जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान सहित अन्य को हाईकोर्ट से राहत मिली है। दरअसल श्री सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा तथा विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना का दोषी करार दिया गया था। इसके साथ ही अन्य अनावेदकों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए थे। वहीं सरकार की ओर से उक्त आदेश वापस लेने एक आवेदन पेश किया गया था।

जस्टिस शील नागू व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनवाई के पश्चात सरकार के आवेदन को स्वीकार करते हुए पूर्व में जारी आदेश को रिकॉ ल करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किए थे।

मॉनिटरिंग कमेटी प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने तथा रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश भी दिए गए थे। जिसके बाद उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी। याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी उक्त अवमानना याचिका 2015 में दायर की गयी थी। युगलपीठ ने उक्त तीनों अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया था।

इसके अलावा अन्य अनावेदकों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही के संबंध में रजिस्ट्री को आदेश जारी किए थे। सरकार की ओर से उक्त आदेश वापस लेने का आग्रह करते हुए हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें कहा गया था कि न्यायालय के आदेश का परिपालन करने पूरे प्रयास किये जा रहे है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा के परिपालन के लिए समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित किया जा सकता है। मॉनिटरिंग कमेटी इस संबंध में संबंधित विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित कर सकती है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद आवेदन पर फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये थे। युगलपीठ ने जारी आदेश में सरकार के आवेदन को स्वीकार करते हुए अवमानना के लिए दोषी ठहराये जाने वाले आदेश को रि-कॉल करने के निर्देश जारी किए हैं।