चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न

चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न

नई दिल्ली। किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों शख्सियतों को सम्मान देने की जानकारी एक्स पर उनकी तस्वीरों के साथ शेयर की। चरण सिंह पांचवें और नरसिम्हा राव नौवें प्रधानमंत्री थे। कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। इससे पहले 3 फरवरी को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। इस साल 5 हस्तियों को यह सम्मान देने का ऐलान हो चुका है। इससे पहले 1999 में सबसे ज्यादा 4 लोगों को दिया गया था। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह दसवां भारत रत्न है। 1954 में ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भी देने का प्रावधान जोड़ा गया।

फैसले के सियासी मायने

  1. व्यापक अपील: मोदी सरकार यह जता रही है कि उसे इन नेताओं के योगदान का महत्व समझ आता है, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  2. उदारता का परिचायक: विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़ी हस्तियों को सम्मान देकर भाजपा यह स्थापित कर रही हैकि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठती है।
  3. किसानों पर नजर:सरकार कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा के महत्व पर अपनी नैरेटिव को मजबूत करेगी।
  4. राजनीति पर प्रहार: केंद्र सरकार ने आडवाणी, कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह के जरिए उत्तर भारत को साधा है तो नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन के जरिए दक्षिण को।

क्या मिलता है सम्मान में

  1. सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और मेडल मिलता है। कोई धनराशि नहीं दी जाती है।
  2. सरकारी महकमे सुविधाएं मुहैया कराते हैं। रेलवे की ओर से मुμत यात्रा की सुविधा मिलती है।
  3. अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है।
  4. प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है।
  5. वॉरंट आॅफ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है।
  6. राज्य सरकारें हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।

किसी परिजन ने जताई खुशी तो किसी ने साधा निशाना

एनडीए में जाने में किस मुंह से इनकार करूं। मोदी जी ने दिल जीत लिया। मेरे लिए भावुक पल है, यादगार है। देश की भावनाएं सरकार के इस फैसले से जुड़ी हुई हैं। पीएम मोदी ने साबित किया है कि वे देश की भावनाओं और चरित्र को बखूबी समझते हैं। - जयंत चौधरी, चौधरी चरण सिंह के पोते

2004 से 2014 तक यूपीए सरकार जब सत्ता में थी, तब उन्हें भारत रत्न तो दूर, कोई पुरस्कार भी नहीं दिया गया। कांग्रेस पार्टी की विफलताओं के लिए नरसिम्हा राव को बलि का बकरा बनाने में गांधी परिवार की बहुत बड़ी भूमिका थी। - एनवी सुभाष, नरसिम्हा राव के पोते

मुझे यकीन है कि अगर यह खबर मेरे पिता के रहते आती तो उन्हें भी खुशी होती। उन्होंने कभी सम्मान के लिए काम नहीं किया। उन्होंने जमीन पर जो किया, उसके परिणामों से उन्हें अधिक प्रेरणा मिली। - डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, पुत्री, एमएस स्वामीनाथन