भगत सिंह ने छोटे भाई को उर्दू में लिखा था आखिरी पत्र
उसे फिक्र है हर दम नया तर्ज-ए-जफा क्या है, हमें ये शौक है देखें सितम की इंतिहां क्या है। मेरी हवाओं में रहेगी खयालों की बिजली, यह मुश्त-ए-खाक है फानी रहे न रहे। अपनी शहादत के ठीक 20 दिन पहले शहीद भगत सिंह ने अपने छोटे भाई कुलतार सिंह को उर्दू में लिखे पत्र पर इन पंक्तियों का जिक्र किया था। यह कहना है, शहीद भगत सिंह के 66 वर्षीय भतीजे किरणजीत सिंह का। जो कि रवींद्र भवन में आयोजित शहीद दिवस कार्यक्रम में आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने आईएम भोपाल से बातचीत की।
बेबे आप मेरी लाश लेने के लिए नहीं आना
किरणजीत सिंह कहते हैं कि 3 मार्च की दोपहर को मां (विद्यावती कौर), पिता (किशन सिंह), दादा, दादी, दो चाची और भाई-बहन उनसे आखिरी बार मिलने गए थे। जब मां से मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि बेबे आप मेरी लाश लेने के लिए नहीं आना। नहीं तो आप रो दोगी और लोगों में संदेश जाएगा कि भगत सिंह की मां रो रही है। इसलिए हौंसले से आपको रहना है ताकि और भी भगत सिंह पैदा हों। मांएं अपने बेटों को भगत सिंह बनाएं।
आज भी जरूरत है भगत सिंह की
खालिस्तान के सवाल पर किरणजीत सिंह ने कहा कि पंजाब में आज जिस तरह से धर्म के नाम पर खालिस्तान की मांग हो रही है, भगत सिंह यदि आज होते तो जरुर ही इसके खिलाफ एक पहाड़ की तरह खड़े होते। आज एक बहुत छोेटा सा समूह लोगों को भड़का रहा है, आज की जरुरत है कि कोई भगत सिंह सामने आए और पाकिस्तान से पोषित होने वाली इन शक्तियों को हरा सके।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा, मनुआभान टेकरी पर लगेगी शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की प्रतिमा
रवींद्र भवन में गुरुवार को संस्कृति विभाग द्वारा शहीद दिवस के अवसर पर अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत का ‘स्मृति प्रसंग’ आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला एवं सांगीतिक दल की प्रस्तुति हुई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे। इस दौरान इस अवसर पर परमवीर चक्र विभूषित स्वर्गीय विक्रम बत्रा के पिता गिरधारी लाल बत्रा, परमवीर चक्र विभूषित स्वर्गीय मनोज पांडे के भाई मनमोहन पांडे, स्वर्गीय भगत सिंह के भाई कुलतर सिंह के बेटे किरणजीत सिंह, स्वर्गीय राजगुरु के भाई के पोते विलास राजगुुरु और स्वर्गीय सुखदेव जी के भाई के पोते अनुज थापर सोनीपत को सम्मानित किया गया। पाठ्यक्रम में अमर क्रांतिकारियों के बलिदान को पढ़ाएंगे : सीएम शिवराज ने कहा कि, ब्रिटिश सरकार शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव से इतनी घबराई थी कि समय से पहले ही फांसी दे दी। पूरा देश इंकलाब जिंदाबाद के नारे से गुंजायमान हो रहा था। मैं अमर शहीदों का चारण, उनके यश गया करता हूं। जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है, मैं उसे चुकाया करता हूं। मैं अमर शहीदों के चरणों में अपनी श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा, भोपाल की मनुआभान टेकरी पर सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा लगाई जाएगी और स्मारक बनेगा। पाठ्यक्रम में तीनों अमर क्रांतिकारियों के बलिदान का पूरा पाठ पढ़ाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से प्रेरणा ले सकें। भारत माता का बेटा हूं, मुझे चौराहे पर गोली से उड़ा दिया जाए : प्रख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर ने कहा, एक दिन दो अंग्रेज आॅफिसर रॉबर्ट और बारकर भगत सिंह से मिलने आते हैं। भगत सिंह से कहते हैं कि भगत, बर्तानिया सरकार ने सोचा है कि फांसी माफ कर दी जाए। बस तुम्हें एक माफीनामा लिखना है कि तुम आगे से सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं करोगे। तब भगत सिंह ने कुछ कहा नहीं वह मुस्कुराते हुए दोनों अंग्रेजों की तरफ देखते रहे। भगत सिंह ने उस समय एक चिठ्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने लिखा मेरी फांसी रद्द कर दी जाए क्योंकि, फांसी अपराधियों को दी जाती है, लेकिन मैं क्रांतिकारी हूं। भारत माता का बेटा हूं, मुझे चौराहे पर गोली से उड़ा दिया जाए, वह मेरी शान होगी। इस दौरान गायिका इशिता विश्वकर्मा और गायक आशीष कुलकर्णी ने बैंड पर देशभक्ति गीतों की परफॉर्मेंस दी तो पूरा सभागार में देशभक्ति गीतों से गूंज उठा।