कायाकल्प सड़कों की फाइनल लेयर से पहले उखड़ने लगी गिट्टियां, निगम का दावा ठेकेदार करेंगे सही
ग्वालियर। कायाकल्प के पहले चरण में सड़कें बनाने 25 करोड़ में से मिली 15.42 करोड़ की राशि पूरी तरह से खत्म हो गई है। वहीं दूसरे चरण की राशि अभी तक मिली नहीं है। ऐसे में सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदार ने पूरी तरह काम बंद कर दिया है। जिसके चलते डामर की फाइनल लेयर होने के अलावा अधूरे निर्माण वाली सड़कों गिट्टियां उखड़ने के साथ बदहाली शुरू हो गई है। हालांकि निगम के कंगाली के दौर में अधिकारियों का दावा है कि सड़क बनाने वाला ठेकेदार उखड़ी सड़कों को पुन: ठीक करके देगा।
प्रदेश शासन ने कायाकल्प अभियान के पहले फेस में 25 करोड़ की लागत से 23 सड़कों को बनाने की स्वीकृति देकर डामरीकृत सड़कों का निर्माण कार्य 15 जून 2023 व कांक्रीट सड़कों का कार्य अगस्त 2023 तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए थे। साथ ही इसी फेस के लिए मंत्री विधायकों की मांग पर चारों विधानसभा क्षेत्रों में 19 करोड़ की 16 सड़कों के निर्माण के लिए स्वीकृति भी जून 2023 में ही दे दी थी, लेकिन पहले चरण के काम शुरू होने के बाद भी तय समय सीमा में पूरे नहीं हो सके थे और उसके बाद भी दूसरे फेस में सड़कें स्वीकृति वाले कार्यों की टेंडर व अन्य प्रोसेस पूरी की गई और बारिश थमने के बाद सड़कों के निर्माण की प्रोसेस शुरू हो गई है। जिसके चलते अभी तक केवल 21 सड़कें ही बन सकी है और 18 सड़कों पर अभी भी कार्य किया जाना शेष है। जानकारों की मानें तो निगम के पास वेतन देने की राशि के लाले पड़े हुए है और ऐसे में निगम निधि से कार्य करने वाले ठेकेदारों द्वारा पहले ही भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कायाकल्प, पीएमएवाय संजीवनी सहित अन्य विशेष मंदो में राशि होने पर कार्य किए जा रहे है। निगम निधि वाले कार्यों वाले ठेकेदारों ने भुगतान न होने पर पहले से हाथ खड़े कर रखे है।
निगम का दावा राशि मिलते ही बनाई जाएगी सड़कें
आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह का दावा है कि नगर निगम के द्वारा आधी से अधिक सड़कों के निर्माण कार्य का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। जबकि जो सड़कें बची हुई हैं उनका निर्माण कार्य भी शासन से राशि स्वीकृत होने के बाद जल्द किया जाएगा। वही जो रोड खराब हालत में हैं उन पर निगम द्वारा लगातार पेंच रिपेयरिंग का कार्य किया जा रहा है। वही जो सड़क निर्माण एजेंसियों के हवाले हैं उनके खराब होने पर पुन: निर्माण कार्य वही एजेंसियां करेंगी।
भोपाल भेज दिया है उपयोगिता प्रमाण पत्र
निगम अधिकारियों की मानें तो पहले चरण में स्वीकृति 25 करोड़ में से 15.42 करोड़ की राशि मिल चुकी थी और उससे बनने वाली सड़कों के निर्माणकर्ता ठेकेदारों को भुगतान देने पर राशि पूरी तरह से खत्म हो गई है और पहले फेस की बकाया 9.58 करोड़ की राशि अभी तक नहीं मिली है। जबकि निगम ने खर्च की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भोपाल पहुंचा दिया है। जिससे पहले चरण की शेष व दूसरे चरण की स्वीकृत राशि निगम को मिल जाए और रूके हुए काम पूरे हो जाए।