विजिलेंस जांच में एसडीएम के फर्जी दस्तखत से बाबू ने कर दिया सत्यापन
जबलपुर। केंद्रीय सतर्कता विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम अधारताल जबलपुर को एक पत्र भेजकर बर्मन समुदाय के चार कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन करने के लिए कहा गया था। मामला एसडीएम के समक्ष पहुंचता, केंद्रीय सतर्कता विभाग की इस जांच को असली या नकली की पहचान संबंधी कोई कड़ी मिलती, इसके पहले ही बाबू ने हस्तक्षेप कर दिया। बाबू ने इस मामले में एसडीएम अधारताल के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चारों जाति प्रमाण पत्रों को सत्यापित कर दिया। मामला अंतत: प्रशासन के संज्ञान में आ गया। आनन फानन में अधिकारियों ने जांच की और बाबू ने भी अपना गुनाह शपथ पत्र के जरिए कबूल कर लिया है। अब एसडीएम अधारताल के निर्देश पर तहसीलदार तथा विभागीय अधीक्षक पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए पहुंचे हैं।
फर्जी जाति प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है विजिलेंस
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि केंद्रीय जीएसटी विभाग में बर्मन समुदाय के चार कर्मचारी बतौर अधीक्षक कार्य कर रहे हैं। फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों पर केंद्रीय सतर्कता विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही थी। संभवत: कर्मचारी जबलपुर निवासी होंगे, इसलिए उनके जाति प्रमाण पत्रों की जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता विभाग ने जबलपुर प्रशासन को पत्र लिखा। यह मामला अनुविभागीय अधिकारी अधारताल जबलपुर के पास पहुंचा। एसडीएम अधारताल शिवानी सिंह मामले की फाइल खोलती, इसके पहले ही उनके दफ्तर में कार्यरत बाबू सहायक ग्रेड 3 संजय मांझी ने उक्त चारों संदिग्ध जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर दिया। मामले का जैसे ही खुलासा हुआ हड़कंप मच गया और बाबू को तलब किया गया बाबू संजय से जब प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछताछ की तो मामले का पूरा खुलासा हो गया।
अफसरों के सामने किया अपराध स्वीकार
बाबू संजय ने अपना अपराध स्वीकारते हुए कहा कि उसी ने एसडीएम अधारताल शिवानी सिंह के फर्जी हस्ताक्षर बना कर संदिग्ध जाति प्रमाण पत्रों को सत्यापित किया है। इस मामले की शिकायत करने तहसीलदार राजेश कौशिक तथा अधीक्षक पुलिस थाने पहुंचे हुए हैं। अब पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद में बाबू की गिरफ्तारी संबंधी कार्रवाई करेगी।
ये दुखद है,अभी एफआईआर नहीं हुई है। इस बारे में मैं कुछ नहीं कह पाऊंगी, कल 12-1 बजे तक जानकारी दे दूंगी। -शिवानी सिंह,एसडीएम, अधारताल।