डेंजर जोन की सीटों पर बदलाव के मूड में नहीं भाजपा हाईकमान
ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य के बड़े नेता क्षेत्र बदलने को आतुर
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा हाईकमान ने सीट बदलने के इच्छुक मंत्री-विधायकों को दो टूक शब्दों में मना कर दिया है। खुद को डेंजर जोन में मानकर कतिपय मंत्रियों और बड़े नेताओं ने संगठन के सामने क्षेत्र बदलने की इच्छा जताई थी। पार्टी हाईकमान ने यहां तक कह दिया कि एक सीट खराब की है, दूसरी भी करेंगे। इसलिए चुनाव न लड़ने का लिखकर दे दें, इसके बाद सभी की बोलती बंद है। सर्वे रिपोर्ट सभी को बता दी है। बताया जाता है कि बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्पष्ट कह दिया कि नेतृत्व ही निर्णय करेगा, कौन कहां से लड़ेगा। सीट बदलने का सुझाव नहीं मानेंगे। टीम शिवराज के चार-पांच मंत्रियों सहित कई विधायकों को भी मौजूदा सीट से हार का डर सता रहा है। सत्ता संगठन द्वारा कराए गए सर्वे में भी उन्हें डेंजर जोन में बताया गया है।
हाईकमान का सवाल- बताएं गारंटी कौन लेगा?
केंद्रीय नेतृत्व के सामने जब यह मुद्दा आया तो उन्होंने सत्ता-संगठन के नेताओं को स्पष्ट कर दिया कि यह गारंटी कौन लेगा, ये लोग दूसरी सीट भी खराब नहीं करेंगे? उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे को आदिवासी बहुल शहपुरा सीट से टिकट दिया गया है लेकिन धुर्वे ने डिंडोरी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। इस पर भी पार्टी हाईकमान ने सख्ती के साथ इंकार कर दिया।
टिकटों पर लटकी तलवार
बुंदेलखंड अंचल में पार्टी के मौजूदा विधायकों में से 50 फीसदी नेताओं का मैदानी सर्वे प्रतिकूल आया है। उधर विंध्य, मालवा-निमाड़ और ग्वालियर- चंबल क्षेत्र में भी कई सीटों का फीडबैक निगेटिव है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों से हुई वन-टू-वन चर्चा में रिपोर्ट का जिक्र कर चुके हैं। हारी हुई सीटों के पुराने प्रत्याशियों सहित कुछ क्षेत्रों के मौजूदा विधायकों को भी टिकट के लिए प्रयास न करने को कह दिया गया है। कई लोगों के टिकट पर तलवार लटकी है।
चार मंत्रियों को सता रहा विस चुनाव में हार का डर
मंत्रिमंडल में भिंड जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे एक मंत्री की सर्वे रिपोर्ट अनुकूल नहीं आई है। संगठन के समक्ष वह ऐसी मंशा जता चुके हैं कि इस बार क्षेत्र बदल जाए। इसी तरह सागर संभाग के दो मंत्रियों को भी हार का डर सता रहा है। उधर विंध्य अंचल के एक मंत्री भी खुद को डेंजर जोन में देख रहे हैं।
प्रत्याशी चयन का होम वर्क
टिकट वितरण में भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। शुरुआत उसने हारी हुई सीटों से की है ताकि कांग्रेस के पत्ते भी सामने आ जाएं लेकिन कांग्रेस की सूची जारी नहीं हो पाई। इस मामले में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। उसने प्रत्याशी चयन के मामले में भोपाल से लेकर दिल्ली तक चलीं बैठकों के बाद दूसरी सूची का होम वर्क भी पूरा कर लिया। कांग्रेस अभी वेट एंड वॉच की मुद्रा से बाहर नहीं निकल पाई। कांग्रेस की रणनीति टिकट कटने से नाराज भाजपाइयों को दाना डालने की भी है। लेकिन भाजपा हाईकमान बड़ी सतर्कता के साथ अपने पत्ते चल रहा है।