भाजपा पार्षदों ने मौलिक निधि 65 लाख पर दी सहमति, सभापति ने अध्यक्ष निधि कम करने को कहा
ग्वालियर। कांग्रेस की सत्ता वाली निगम परिषद में बजट पेश होने के बाद भाजपा पार्षदों ने अपनी अगली रणनीति तय की। जिसमें पार्षदों की मौलिक निधि 65 लाख, वार्ड समिति निधि 20 लाख व स्वेच्छानुदान राशि को खत्म करने पर सहमति बनी। साथ ही महापौर की निधि 6 करोड़ के बराबर अध्यक्ष की निधि करने के प्रस्ताव पर सभापति मनोज तोमर ने खुद निधि कम करने का प्रस्ताव रखने पर स्वीकार कर लिया गया।
निगम परिषद में 21.28 अरब की राशि वाला बजट पेश किया है और उसमें परिवर्तन के लिए 25 मार्च तक भाजपा पार्षदों द्वारा 46 संशोधन पत्र लगाए जा चुके हैं। जिन पर निगम परिषद में 28 मार्च को बैठक आयोजित होने पर चर्चा होगी, लेकिन बैठक से पहले रविवार की दोपहर भाजपा कार्यालय मुखर्जी भवन पर जिलाध्यक्ष अभय चौधरी व सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल के नेतृत्व में पार्टी के पार्षद दल की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तय की गई। साथ ही पार्षदों द्वारा अपनी मौलिक निधि को एक करोड़ के प्रस्ताव पर 65 लाख व वार्ड समिति की निधि 20 लाख करने पर सहमति बनी।
साथ ही बजट में बढ़ने वाले 12-13 करोड़ की अतिरिक्त राशि को महापौर की निधि से 2 करोड़ व स्वेच्छानुदान से 2.78 करोड़ कम करने से एगजेस्ट करने व अन्य मदों में लगाए संशोधनों पर सहमति से निर्णय लेना तय किया। बैठक में महामंत्री विनोद शर्मा, रवि तोमर, अंजना हरीबाबू शिवहरे, भगवानसिंह कुशवाह, संजय पोतनीस, मोहित जाट, अनिल सांखला, यामनी परांडे, संजय सिंघल, बृजेश श्रीवास सहित अन्य पार्षद उपस्थित थे।
कांग्रेस को मानना होंगे भाजपा के प्रस्ताव
परिषद में भाजपा पार्षदों की संख्या 34 व कांग्रेस के पार्षदों की संख्या महापौर सहित 33 है। जानकारों की मानें तो भाजपा द्वारा लाए सभी प्रस्तावों पर सत्ताधारी कांग्रेस महापौर को बहुमत से विरोध न होने देने के पहले सहमति से निपटाना होगा, वर्ना भाजपा बहुमत के आधार पर अपने प्रस्ताव या संशोधन पारित करवाएगी।
महापौर की निधि 8 की जगह 6 करोड़ पर सहमति
निगम परिषद में कांग्रेस महापौर द्वारा पेश बजट में खुद के लिए 8 करोड़ की निधि का प्रावधान किया गया है, लेकिन सदन में बहुमत वाली भाजपा पार्षदों ने महापौर की निधि 6 करोड़ पर सहमति दी। साथ ही नियम विपरीत महापौर- पार्षदों द्वारा दी जाने वाली स्वेच्छानुदान राशि के लिए रखी 2.78 करोड़ की राशि मद को समाप्त कराना तय किया गया।
सभापति ने खुद करवाई अपनी निधि कम
पार्षदों द्वारा महापौर के बराबर सभापति मनोज तोमर के लिए 6 करोड़ की निधि करने का प्रस्ताव पारित किया, लेकिन सभापति ने खुद के लिए कोई राशि न रखने की बात रखी, जिस पर पार्षदों ने एक राय होकर मनाही कर दी। इसके बाद सभापति ने बैठक में सभापति की निधि महापौर से कम रखने के प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष व पार्षदों ने सहमति देकर 5 करोड़ तय कर दी।