केंद्रीय मंत्री सिंधिया व वीरेंद्र खटीक पर भी दांव लगा सकती है भाजपा
कमजोर सीटों पर कमल खिलाने कुछ और सांसद उतरेंगे मैदान में
भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए 3 केंद्रीय मंत्री और 4 सांसदों को चुनावी जंग में उतारने के बाद भाजपा कुछ और सांसदों पर भी दांव लगा सकती है। संभावितों में केंद्रीय मंत्रीद्वय ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र खटीक के अलावा सांसद गुमान सिंह डामोर, गजेंद्र सिंह पटेल और केपी यादव का नाम भी शामिल है। भाजपा हाईकमान के सर्वे में शिवपुरी जिले की स्थिति पहले ही कमजोर आई थी। इसके बाद जिले से भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी सहित बड़ी संख्या में भाजपा नेता- कार्यकतार्ओं ने पाला बदलकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उधर सागर जिले में भी कुछ सीटों की स्थिति ज्यादा कमजोर बताई गई है। इनमें अजा बहुल बीना सीट पर केंद्रीय मंत्री खटीक और आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में कमल खिलाने क्षेत्रीय सांसद डामोर के नाम पर मंथन हुआ है। भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित 4 सांसद और राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर दांव लगा कर सत्तासं गठन के अलावा विरोधी दल कांग्रेस को भी चौंका दिया। भाजपा हाईकमान ने अब कुछ और चुनौतीपूर्ण सीटों के लिए केंद्रीय मंत्री और कुछ सांसदों के नाम पर विचार किया है। मोदी मंत्रिमंडल में मप्र से 5 मंत्री हैं जिनमें से 3 मंत्रियों को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। शेष दो मंत्रियों में सिंधिया और खटीक ही हैं।
बड़वानी की रणनीति
भाजपा के सर्वे में झाबुआ के साथ आदिवासी बहुल बड़वानी जिले का भी जिक्र है। यहां से अभी प्रदेश सरकार के मंत्री प्रेमसिंह पटेल हैं। उनका टिकट कटा तो यहां से पार्टी क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतार सकती है। रणनीति यह भी है कि डामोर और पटेल के मैदान में उतरने से आसपास की कुछ सीटों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
खोया जनाधार पाने की चिंता
आदिवासी अंचल में अपना खोया हुआ जनाधार पाने के लिए भाजपा हरसंभव प्रयास कर रही है। भाजपा को 2018 के विस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी बहुल क्षेत्रों में उठाना पड़ा था। तब उसे इस वर्ग के लिए आरक्षित 47 में से महज 16 सीट ही मिल पाई थीं जबकि 2013 के चुनाव में भाजपा ने 31 सीटों पर कमल खिलाया था। यह स्थिति पुन: दोहराने के लिए पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है।
गुना-शिवपुरी का गणित
गुना-शिवपुरी सांसद केपी यादव का नाम मुंगावली सीट के संभावित प्रत्याशी के बतौर सामने आया है। दरअसल अशोकनगर जिले की तीनों सीटें 2018 में कांग्रेस के खाते में चली गई थीं। गुना जिले की 4 में से 1सीट ही भाजपा को मिली थी। उपचुनाव में बमोरी सीट भाजपा ने जीत ली पर मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को लेकर पार्टी आश्वस्त नहीं है।
झाबुआ जीत चुके हैं डामोर
झाबुआ में डामोर पहले भी विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। उपचुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया इस सीट पर काबिज हो गए। डामोर इस सीट पर लौटे तो उनका मुकाबला कांतिलाल से होगा। वे कांतिकाल के बेटे विक्रांत भूरिया को हरा चुके हैं।
नए चेहरे हुए सक्रिय
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जिन 7 सांसदों को मैदान में उतारा है, अब उन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी नए चेहरे सामने लाएगी।
कुछ और सांसदों के प्रत्याशी बनाने की संभावना :
शर्मा विधानसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी कुछ और सांसदों को मैदान में उतारने के सवाल पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हर सीट पर क्षेत्रीय जरूरतों और चुनावी रणनीति के हिसाब से प्रत्याशियों का फैसला होगा।