ग्वालियर ग्रामीण में बागियों के भरोसे भाजपा-कांग्रेस की नैया, नए क्षेत्र भी जोड़े

ग्वालियर ग्रामीण में बागियों के भरोसे भाजपा-कांग्रेस की नैया, नए क्षेत्र भी जोड़े

ग्वालियर। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा के लिए भाजपा-बसपा के प्रत्याशियों के बीच 2018 के चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद मात्र 1517 मत से हार-जीत हुई थी। इस बार भाजपा ने फिर से भारत सिंह कुशवाह व दूसरे नंबर पर बसपा से चुनाव लड़ने वाले साहब सिंह गुर्जर को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाने से जमीनी घमासान बढ़ गया है। जिसके चलते यह तय माना जा रहा है कि दोनों ही दलों के प्रत्याशियों का गणित अपनी पार्टी के बागी नेता बिगाड़ेंगे, तो इस जातिगत समीकरण बिगाड़ने के लिए नए लोग चुनाव मैदान में दिखेंगे। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस-भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की स्थिति साफ कर दी है और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में 2018 के चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह को 51033 हजार मत मिले थे, जबकि कांग्रेस से बागी होकर बसपा के बैनर पर लड़ने वाले साहब सिंह गुर्जर को 49156 वोट, कांग्रेस प्रत्याशी मदन कुशवाह को 38199 वोट के अलावा फूल सिंह बरैया को 7698 मत मिले थे और वर्तमान चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी दोहराने के बाद कांग्रेस ने दूसरे नंबर पर रहने वाले साहब सिंह को अपने बैनर पर मौका दिया है।

वहीं बदली परिस्थिति में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे मदन कुशवाह ने भाजपा, तो फूल सिंह बरैया कांग्रेस में पहुंच गए हैं। जानकारों की मानें तो 2.52 लाख जनसंख्या वाली विधानसभा में कुशवाह समाज के लगभग 35 हजार, गुर्जर समाज के लगभग 29 हजार व यादव समाज का लगभग 12 हजार से ज्यादा वोट बैंक है और भाजपा- कांग्रेस बड़े वोट बैंक वाले समाज के थोक वोट खुद को मिलने व विपक्षी को न जाने देने के लिए गुर्जर, कुशवाह व यादव समाज के बागी व निर्दलीय के सहारे है।

दक्षिण से ग्रामीण में हुआ बड़ा वोट बैंक शिफ्ट

चुनावी संरचना के चलते बीते पांच साल में कुशवाह समाज की ताकत बढ़ाने के लिए ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में रहने वाले गिरवाई, अजयपुर, वीरपुर क्षेत्र के बड़े वोट बैंक को ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में शिफ्ट किया गया है और चुनाव में कुशवाह समाज के लगभग 15 हजार नए वोट आने से राजनीतिक गणित बदलेगा।