‘अंधा बांटे रेवड़ी अपने-अपने को दे...’ की तर्ज पर बांट रहे आयुष्मान योजना की राशि
इंदौर। एमजीएम के अधीन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज तो किया जा रहा है, लेकिन आई फॉर एक्सीलेंस हॉस्पिटल में इंसेटिव ‘अंधा बांटा रेवड़ी अपने-अपने को दे’ की तर्ज पर बांट रहे हैं। इसकी शिकायत सभी नर्सिंग स्टाफ और लैब टेक्नीशियन ने संभागायुक्त और एमजीएम कॉलेज से की है। करोड़ों रुपए की लागत से बने आई फॉर एक्सीलेंस अस्पताल जनवरी 2022 में शुरू हुआ है। यहां प्रतिदिन 200 से 250 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। साथ ही 20 से 30 ऑपरेशन होते हैं। इसमें से 90 प्रतिशत आयुष्मान योजना से और 10 प्रतिशत पेड होते हैं।
अस्पताल शुरू हुए एक साल हो चुका है, लेकिन अब तक इंसेटिव की राशि नहीं मिली है। अस्पताल के नियमित पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर एवं लैब टेक्नीशियन ने शिकायती आवेदन में बताया कि इसमें कुल 13 स्टाफ है। ज्वाइनिंग अप्रैल 2022 है। डॉ डीके शर्मा अधीक्षक द्वारा दो नर्सिंग ऑफिसर सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल से अतिरिक्त बुलवाए गए हैं। इन्हीं दो नर्सिंग स्टाफ को दी जा रही है, जबकि अन्य नर्सिंग स्टॉफ द्वारा आयुष्मान का कार्य किया जा रहा है। बावजूद नियमित कर्मचारियों को राशि नहीं दी जा रही है। नर्सिंग स्टॉफ ने डीन डॉ. संजय दीक्षित और संभागायुक्त से उक्त मामले की जांच कर इंसेटिव राशि दिलाने की मांग की है।
यह है योजना का नियम
आयुष्मान योजना के तहत पेशेंट केयर से जुड़े हर कर्मचारी को आयुष्मान योजना के तहत इंसेटिव दिया जाता है। आयुष्मान योजना में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर डॉक्टर तक प्रतिशत तय है। उसके अनुसार की यह राशि दी जाती है।अस्पताल प्रबंधक द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार यह राशि बांटनी चाहिए। आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत समस्त शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत चिकित्सकों, कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने प्रावधान किया गया है। स्कीम के अंतर्गत पात्र परिवारों के सदस्यों के उपचार हेतु कुल पैकेज की भुगतान राशि का 40 प्रतिशत राशि दीनदयाल स्वास्थ्य सुरक्षा परिषद, निरामय स्तर पर प्रसारित की जाएगी। शेष 60 प्रतिशत राशि शासकीय चिकित्सालयों के रोगी कल्याण समिति के खातों में एवं 40 प्रतिशत राशि स्टाफ इंसेटिव के रूप में उनके खाते में सैलरी से साथ ट्रांसफर की जाएगी।
नियम के पात्र लोगों दी जाएगी राशि
आयुष्मान योजना में इंसेटिव राशि नियम में पात्र लोगों को दी जाएगी। इसका निर्णय मैं नहीं कर सकता हूं। -डॉ. डीके शर्मा, अधीक्षक एक्सीलेंट फॉर आई हॉस्पिटल
इस तरह की शिकायत मेरे पास पहुंची है। पेंशेट केयर से जुड़े नर्सिंग स्टाफ के हस्ताक्षर होते हैं। कोशिश की जा रही है कि सभी की उस हिसाब से ड्यूटी लगाई जा सके ताकि सभी को बराबर राशि मिल सकें। इस मामले में तीन सदस्य कमेटी गठित की गई है। -डॉ. संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर