सट्टेबाजी की पेशकश करने वाले विज्ञापन से करें परहेज

सट्टेबाजी की पेशकश करने वाले विज्ञापन से करें परहेज

नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को मीडिया संस्थानों को सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापनों को लेकर आगाह किया। मुख्यधारा के अंग्रेजी और हिंदी के समाचार पत्रों में इस तरह की विज्ञापन सामग्री प्रकाशित होने के कुछ दिन बाद यह परामर्श जारी किया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में कथित तौर पर सट्टेबाजी की पेशकश करने वाली वेबसाइट के विज्ञापनों और प्रचार सामग्री को प्रकाशित करने के हालिया उदाहरणों को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है। मंत्रालय ने एक परामर्श में मीडिया संस्थानों, मीडिया मंचों और आनलाइन विज्ञापन बिचौलियों को सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापन या प्रचार सामग्री से परहेज करने की सलाह दी। एक आधिकारिक बयान में सरकार की ओर से कहा गया है कि समाचार पत्रों टेलीविजन चैनल और आनलाइन समाचार प्रकाशकों सहित सभी मीडिया माध्यमों को सलाह जारी की गई है और ऐसे विशिष्ट उदाहरण पेश किए गए हैं, जहां हाल के दिनों में विभिन्न मीडिया में इस तरह के विज्ञापन दिखाई दिए हैं।

कॉपीराइट अधिनियम 1957 का उल्लंघन

मंत्रालय ने एक विशिष्ट सट्टेबाजी मंच द्वारा दर्शकों को अपनी वेबसाइट पर एक स्पोर्ट्स लीग देखने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी आपत्ति जताई, जो प्रथम दृष्टया कॉपीराइट अधिनियम, 1957 का उल्लंघन प्रतीत होता है।

सेल्फ रेग्यूलेटरी आर्गेनाइजेशन करेगी गेम की निगरानी

सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हर एक गेम की निगरानी व निर्धारण के लिए सेल्फरे गुलेटरी आर्गेनाइजेशन काम करेगी। उन्होंने कहा कि अनुमति इस आधार पर निर्धारित की जाएगी कि क्या एप में दांव लगाना शामिल है। यदि दांव लगाना शामिल है, तो एसआरओ यह कहने की स्थिति में होगा कि उन आनलाइन खेलों की अनुमति नहीं है। यानी एप को एसआरओ की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।