ऑटो मैसेज एक बार में 20 लाख तक
इंदौर। विधानसभा चुनाव में इस बार पार्टियों के साथ इवेंट कंपनियां जुड़ी हुई हैं। इनका जिम्मा है प्रत्याशी की विधानसभा के हर शख्स के पास दो तरह के मैसेज भेजे जाएं, जिनमें एक वॉइस मैसेज हो जिसमें प्रत्याशी खुद के बारे में बताते हुए मतदाता से बात करे तो दूसरा मैसेज हो। इन्फो विजन सॉप्टवेयर सॉल्यूशन के डायरेक्टर निलेश विश्नोई के अनुसार त्योहारों के समय किए जाने वाले मैसेजों की तर्ज पर इस बार चुनाव प्रचार में बल्क एसएमएस खुद के मोबाइल और बाय लिंक की मदद से भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं वाट्सएप इमेज और वीडियो भी बल्क में जा रहे हैं। वाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक से हमें मदद मिलती है। इस तरह के अकाउंट में वोटर का भी नंबर होता है। यहां मेटा स्ट्रिंग के आधार पर फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैप चैट पर यह मैसेज जाते है। वॉइस कॉल ऑटो मैसेज एक बार में 20 लाख लोगों तक भेजा जा सकता है।
लिस्ट की गड़बड़ी से परेशानी
चूंकि चुनाव प्रदेशभर में हो रहे हैं, जिसके कारण नंबरों की फाइलिंग गलती से दूसरी लिस्ट में हो जाती है। इसका नतीजा है इंदौर विधानसभा एक का प्रत्याशी झाबुआ में बैठे किशनलाल से वोट देने की अपील करता है। इसी तरह शहर के लोगों के पास छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सोनकच्छ के फोन खूब आ रहे हैं। प्रचार कार्य धनतेरस से स्पीड पकड़ेगा।
जुटी 150 लोगों की टीम
इंदौर में लगभग 125 से 150 लोगों की टीम है, जिसमें सोशल मीडिया हैंडलर्स काम कर रहे हैं। हमारे पास लगभग सभी पार्टी का काम है। इतना ही नहीं इसमें असंतुष्टों का डेटा भी है। सिर्फ मैसेज की तुलना में वॉइस मैसेज महंगे होते हैं। बल्क मैसेज सस्ते पड़ते हैं। जैसे एक लाख कॉल पर दस हजार यानी पचास पैसे से लेकर 80 पैसे तक खर्च आता है। सिर्फ मैसेज भेजने में 15 पैसे लगते हैं।
मैसेज आते हैं केंद्र से
विहिप से जुड़े सूत्रों के अनुसार चेन कुछ इस तरह चलती है। हम लोगों के पास केंद्र से मैसेज आते हैं, जिन्हें 28 जिलों के पदाधिकारियों को भेजा जाता है जहां से यह प्रखंड में भेजते है। हमें अलग से किसी कंपनी की जरूरत नहीं पड़ती। हमारी स्वमेव टीम है।