पुलिस गार्ड हटते ही हमलावरों ने बनाया हत्या का प्लान, रेकी कर उतारा मौत के घाट

पत्नी का आरोप, पुलिस को कई बार आवेदन देने के बाद भी नहीं मिली मदद

पुलिस गार्ड हटते ही हमलावरों ने बनाया हत्या का प्लान, रेकी कर उतारा मौत के घाट

ग्वालियर। विक्रम रावत के चचेरे भाई रामनिवास की आरोपी पक्ष ने हत्या की थी। इस के चलते पुलिस ने विक्रम को गार्ड दिए थे, ये गार्ड हμते भर पहले हट गए था। इससे आरोपियों के हौसले दोबारा बढ़े और फुल प्रूफ प्लांिनंग के तहत सरपंच को रेकी के बाद मौत के घाट उतार दिया। परिजनों ने पुलिस पर सीधे-सीधे हत्या में मदद का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार आरोन के बन्हेरी गांव में 26 मई 2021 को सरपंच विक्रम रावत और उसके ही समाज के पोषण रावत से विवाद हुआ था। पोषण के गुट के लोगों ने विक्रम के चचेरे भाई रामनिवास की घेरकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में एक दर्जन से ज्Þयादा आरोपी गिरμतार होकर जेल गये थे। दो साल बाद इस मामले में पोषण को छोड़कर सभी की जमानत हो गई थी। विक्रम को पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से गार्ड दिये थे, इन्हें हμते भर पहले ही हटाया गया था। इसे लेकर विक्रम और उसके परिवार के लोग ंिचंतित थे। उन्होंने गार्ड वापस लौटाने के लिए कई बार पुलिस अफसरों को आवेदन दिए थे। इस बीच सोमवार को पोषण की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई होना थी, इसके लिए विक्रम अपने वकील प्रशांत शर्मा के घर मिलने पहुंचा था। यहां पहले से नकाबपोश पांच बदमाश उसकी रेकी कर रहे थे। विक्रम सुबह जिम गया था और यहां से सीधे कार से क्रांति नगर पहुंचा तो बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद बदमाश मौके से निकल गये। वारदात का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिला है, इसमें पांच बदमाश उसे नजदीक से गोली मारते दिख रहे हैं।

भाड़े के हत्यारों ने की वारदात

पुलिस को आशंका है कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश भाड़े पर लाये गये थे। दरअसल उनके कंधे पर बैग टंगे हुए थे। आशंका है वारदात के बाद सीधे बाहर निकल गये। वैसे भी जिस अंदाज में हत्या की गई है उससे साफ जाहिर है कि किन्ही पेशेवर हत्यारों ने ही वारदात को अंजाम दिया है।

भाजपा प्रत्याशी पर आरोप

विक्रम के परिजनों ने लाश लेकर एसपी आॅफिस पर जमकर आक्रोश जाहिर किया। उनका आरोप था कि भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर उन्हें लगातार धमका रहे थे। उन्होंने ने ही हमलावरों की मदद कर वारदात को अंजाम दिलवाया है।

सरकारी जमीन को लेकर शुरु हुई अदावत

विक्रम की मां पहले गांव से सरपंच थीं, तब पोषण के परिवार ने जिस सरकारी जमीन पर कब्जÞा कर रखा था, उस जमीन को खाली कराया था। इसके बाद उस पर हाल ही में बाउंड्रीवॉल भी करा दी थी।

डेढ़ करोड़ और बीस बीघा जमीन की डील ठुकराई तो हत्या का षड्यंत्र रचा

गांव के लोग बताते हैं कि रामनिवास की हत्या के मामले में एक दर्जन से ज्Þयादा लोग आरोपी बने थे। इस वारदात के बाद गांव में पंचायत हुई थी। आरोपी पक्ष ने राजीनामा करने के लिये विक्रम के परिवार को डेढ़ करोड़ रुपये और बीस बीघा जमीन देने का आॅफर रखा था। जबकि विक्रम ने साफ मना कर दिया था। ऐसे में विक्रम ही दूसरे पक्ष की नजरों में सबसे बड़ा रोड़ा था। आशंका है कि जेल में रहते हुए विक्रम की सुपारी दी गई और बाहरी बदमाशों ने आकर वारदात को अंजाम दिया है।

हत्याकांड के बाद गांव में तांडव

विक्रम रावत की हत्या के बाद उसके गांव में खबर पहुंचते ही तांडव हो गया। सरपंच के परिवार और समर्थकों ने दूसरे पक्ष के लोगों के घरों पर हमला बोल दिया। इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया। घर के बाहर खड़े ट्रैक्टर, जीप व मोटरसाइकिल भी आग के हवाले कर दिए। इस दौरान घबराए गांव वाले खेतों में भागकर अपनी जान बचा सके। उन्होंने पुलिस को कॉल किया, लेकिन दो घंटे तक पुलिस गांव में घुस नहीं सकी। इसके बाद एसपी आॅफिस पहुंची युवती ने बताया कि उसके पिता को गोली मार दी है। ऐसे में दो सैकड़ा से ज्यादा फोर्स तैयार करके बन्हेरी भेजा गया। फिलहाल इलाके में भारी फोर्स तैनात है।

सरपंच की हत्या में हमने चार लोगों के खिलाफ नामजद हत्या व षड्यंत्र की एफआईआर की है। अभी इनमें से किसी की गिरμतारी नहीं हो सकी है। हम उनकी तलाश में दबिश दे रहे हैं। - इला टंडन, टीआई पड़ाव थाना