डेंटल कॉलेज के नए भवन में लगेगी आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मशीन

डेंटल कॉलेज के नए भवन में लगेगी आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मशीन

इंदौर। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय में मरीजों को शीघ्र ही कम कीमत पर नकली दांत की सुविधा मिलेगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के लिए प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा है। इससे मरीजों को नकली दांत लगवाने के लिए प्राइवेट अस्पताल जाकर पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। साथ ही नई बिल्डिंग बनने पर यहां कैट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। इसमें लगे कैमरे के माध्यम से दांतों का नाप लिया जाएगा। इससे मरीजों को एक या दो बार में ही सही नाप की बत्तीसी लगाई जा सकेगी। वहीं, दांतों की जांच में भी सुविधा मिलेगी।

महाविद्यालय परिसर में चल रहा निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। इस भवनों के पूर्ण होने के बाद यहां आधुनिक मशीनों से दांत संबंधित रोगों का इलाज किया जाएगा। वर्तमान में पुरानी बिल्डिंग में चल रहे इस अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 500 मरीज दांत से जुड़ी समस्या लेकर आते हैं। इनमें से बत्तीसी या दांत के करीब 60 मरीज आते हैं। दांतों की जांच के बाद मरीजों को दो से तीन बार आना होता है। कैट स्कैन मशीन लगने से यही काम कम समय में होगा।

नई बिल्डिंग में रहेगी यह सुविधा

नई बिल्डिंग के भवन में ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी रहेगी। पहली मंजिल पर शिशु दंत रोग विभाग व दूसरी मंजिल पर अन्य विभाग व ऑपरेशन थिएटर और मशीनें लगाई जाएंगी। इसके साथ ही दूसरे भवन में ऑफिस व लैबोरेटरी व अन्य विभाग रहेंगे। दोनों ही भवनों में तलघर नहीं बनाया जाएगा।

भवन तैयार होने पर लगेंगी मशीनें

डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के मापदंड के अनुसार पीआइॅयू निर्माण करा रहा है। भवन बनने के बाद नई मशीनें लगेंगी। इसके लिए कैट स्कैन मशीन सहित अन्य आधुनिक मशीनों का प्रस्ताव भेजा गया है, जिससे मरीजों का और बेहतर इलाज हो सकेगा। -डॉ. संध्या जैन, प्राचार्य, डेंटल महाविद्यालय