पति का कंकाल श्मशान से निकालने के लिए कलेक्टर को दिया आवेदन

पति का कंकाल श्मशान से निकालने के लिए कलेक्टर को दिया आवेदन

इंदौर। कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान मंगलवार को एक अजीबोगरीब मामला आया, जहां पत्नी ने अपने मृत पति का कंकाल जमीन से निकालने के लिए कलेक्टर के समक्ष आवेदन दिया। आवेदन देखकर कलेक्टर भी असमंजस में पड़ गए। उन्होंने एडीएम को नियम खंगालने के निर्देश दिए। एडीएम ने भी तुरंत दंड प्रक्रिया संहिता में नियम या प्रावधान खंगाले।

दरअसल, यह मामला सितंबर 2021 का है। नेमावर रोड पर एक दुर्घटना में राजा सोलंकी नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। सोलंकी की मौत के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद कुछ दिनों तक शव रखा रहा, लेकिन इस बीच उसे लेने कोई नहीं आया। शव को लावारिस मानकर दफना दिया गया। अब 3 वर्ष बाद मृतक की पत्नी रविस्ता पति का कंकाल निकालने का आवेदन लेकर कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंची है।

पति का विधिवत क्रियाकर्म करना चाहती है पत्नी

रविस्ता ने बताया कि वह अपने पति के कंकाल को निकलवाने के लिए जनसुनवाई में आवेदन देने पहुंची थी। खुड़ैल पुलिस ने उसके पति का शव श्मशान के पास दफनाया है। कंकाल को बाहर निकालने के लिए थाने में भी आवेदन दिया, लेकिन पुलिस ने नियमों का हवाला देते हुए शव जमीन से निकालने से इनकार कर दिया। पत्नी के अनुसार वह अपने पति का विधिवत क्रियाकर्म करना चाहती है, इसीलिए उन्होंने दफन किए गए शव को बाहर निकालने के लिए आवेदन दिया है। कलेक्टर से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि नियमों को देखने के बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकेगा।

इनका कहना है...

जब तक कोई जांच न हो तब तक शव नहीं निकाल सकते। एडीएम ने जो नियम देखे हैं उसके मुताबिक इसमें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन स्पष्ट है कि दफनाए हुए शव को जब तक कोई जांच न हो, तब तक नहीं निकाल सकते हैं। -इलैयाराजा टी. कलेक्टर, इंदौर