अतिक्रमण की शिकायतों पर कार्रवाई न होने से परेशान आवेदक

अतिक्रमण की शिकायतों पर कार्रवाई न होने से परेशान आवेदक

जबलपुर। नगर निगम, कलेक्ट्रेट और एसपी आफिस में जनसुनवाई में अपनी- अपनी समस्याएं लेकर लोग पहुंच रहे हैं। खास तौर पर नगर निगम की जनसुनवाई से असंतुष्ट आवेदकों का कहना रहा कि अतिक्रमण की शिकायतें बार-बार किए जाने के बावजूद इनका निराकरण नहीं किया जाता और हमें बार-बार यहां आकर शिकायतें दोहराना पड़ रही हैं। मंजू तेली की गली दीक्षितपुरा निवासी सुचित्रा श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में अपने मकान की दीवार पर अतिक्रमण की शिकायत की है दीवार जर्जर है जिसे उन्हें पक्की क रवानी है मगर पड़ोसी इस पर कब्जा किए हैं। मोमिना पति गयासुद्दीन ठक्करग्राम वार्ड ने उनकी जगह पर कब्जा और आपत्ति पर जान से मारने की धमकी दिए जाने की शिकायत की है।

ब्रम्हर्षि कॉलोनी ग्वारीघाट के रहवासियों ने अपनी शिकायत में नगर निगम की भूमि पर अवैध भवन निर्माण की शिकायत की है। वृंदावन नगर मदर टेरेसा के बाजू रहने वाले कुंवर बहादुर सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि नगर निगम की भूमि व बोर पर कब्जे की शिकायत में सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित नगर निगम में कई बार कर चुके हैं मगर राहत नहीं मिल रही है। दत्त मंदिर सा निवास के पीछे गली निवासी आनंद पटैल ने अपनी शिकायत में कहा है कि बिना स्वीकृति नक्शे के अवैध निर्माण किया जा रहा है। मनप्रीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि मेनरोड गोरखपुर में सड़क पर कब्जा कर सड़क की चौड़ाई कम करते हुए रहवासी इलाके में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित किए जाने की शिकायतों का निराकरण नहीं हो रहा है।

शांतिनगर महाराणाप्रताप वार्ड निवासी राजेश का कहना है कि रोड पर अतिक्रमण कर कच्चा घर बनाया गया है जिससे आवाजाही में असुविधा हो रही है। इसी तरह छोटी ओमती में इंद्र चश्मे वाले और कमल चश्मे वाले दुकान संचालकों ने अपनी दुकान के सामने साइकिल पंचर बनाने वालों की शिकायत करते हुए इनके द्वारा 10 से 12 फीट जगह में काम करने से उनकी दुकान में आने वाले ग्राहकों को असुविधा होने की बात कही है।

कलेक्ट्रेट में 139 आवेदनों की सुनवाई

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई में 139 आवेदन-पत्रों की सुनवाई की। उन्होंने जनसुनवाई में प्राप्त आवेदन पत्रों का तत्काल निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जिन आवेदन पत्रों का तत्काल निराकरण नहीं हुआ, उनके निराकरण के लिए आवेदकों को समय-सीमा दे दी गई है। अब विभागीय अधिकारियों को उक्त आवेदनों का समय सीमा में निराकरण कर आवेदकों को अवगत कराना होगा। जनसुनवाई में सीईओ जिपं जयति सिंह, शेरसिंह मीणा, नाथूराम गौंड़ सहित विभागीय अधिकारियों ने आवेदन पत्रों का निराकरण किया।