नाराज भाजपा पार्षदों ने बनाई सामूहिक इस्तीफा देने की रणनीति
ग्वालियर। नगर निगम में अधिकारियों द्वारा विकास कार्योें को तवज्जो न मिलने पर भाजपा पार्षदों का आक्रोश फूट बैठा। जिसके चलते पार्षदों ने नेताप्रतिपक्ष हरिपाल के सामने जमकर भड़ास निकाली। साथ ही निगम अधिकारियों के सालों से एक जगह जमा होने व पद के विपरीत नियुक्ति जैसे मुद्दे बैठक में हावी रहे।
बुधवार को जलविहार में विपक्षी दल के पार्षदों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने सभी पार्षदों से वन-टू- वन कर पार्षदों से समस्याएं पूछी, तो पार्षदों ने निगम अधिकरियों द्वारा बार-बार बताने के बाद भी जनता के हित के कामों में अनदेखी करने व मनमर्जी से कार्य करने की बात दोहराई। इतना ही नहीं पार्षदों ने यहां तक कह डाला कि वार्डों में काम नहीं हुए तो सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा। साथ ही परिषद में निगमायुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लाया जाएगा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भी पार्षदों के सामने कुछ नहीं बोल पाए। वह तो बस इतना ही बोल पाए कि दो विधानसभाओं में ही कार्य हो रहे हैं, मैं क्या करुं।
पार्षद बोले-निगमायुक्त नहीं सुन रहे
भाजपा पार्षदों का कहना था कि निगमायुक्त किशोर कान्याल उनकी नहीं सुन रहे हैं। साथ ही डब्ल्यूएचओ, क्षेत्राधिकारियों की नियुक्ति मनमर्जी तरीके से की जा रही है। मौलिक निधि के कार्य नहीं हो रहे हैं। सबसे ज्यादा सीवर, खुले चेम्बरों की समस्या है, जिन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
15वें वित्त आयोग की राशि कहां है
पार्षदों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग का पैसा कहां गया इसकी जानकारी तक निगम अधिकारी नहीं दे रहे है। सिर्फ विशेष लोगों की फाइलें बन रही हैं और उन्हीं लोगों के कार्य किए जा रहे हैं। जबकि पार्षदों की एक भी फाइल स्वीकृत नहीं हो पा रही है और निगम में लेटर हेड पर लिखकर देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
विकास कार्यों को लेकर पार्षदों में अच्छी खासी नाराजगी है, क्योंकि जनता के काम नहीं हो पा रहे हैं। यही स्थिति रही तो सभी पार्षद सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। -अपर्णा पाटिल, पार्षद