अनाज मंडी व्यापारियों में आक्रोश सालों से मिल रहा सिर्फ आश्वासन
जबलपुर। जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर व भोपाल सहित प्रदेश की 230 मंडियों में 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन के लिए खरीदी बंद रहेगी। प्रदेश के 25 हजार व्यापारी मंडी फीस बढ़ की बजाए एक प्रतिशत, निराश्रित शुल्क खत्म करने सहित 11 मांगों को लेकर अपना अपना कारोबार बंद रखेंगे। जबलपुर अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ के अनुसार मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आव्हान पर प्रदेश भर के व्यापारी अनाज की खरीदी बंद करेंगे।
व्यापारियों का कहना है कि अभी सरकार द्वारा मंडी शुल्क डेढ़ प्रतिशत लिया जा रहा है, जिसे एक प्रतिशत करने के लिए लम्बे समय से मांग की जा रही है। इसी तरह करीब 50 वर्ष से अनावश्यक रुप से निराश्रित शुल्क लिया जा रहा है, यह शुल्क भी समाप्त करने की मांग है। इस शुल्क का क्या उपयोग किया जा रहा है यह जानकारी भी नहीं दी जाती है। इसके अलावा 11 अन्य मांगें है जिन्हे लेकर 4 सितंबर सोमवार से खरीदी बंद कर दी जाएगी।
ये होंगे प्रभावित
व्यापारी हड़ताल पर रहेंगे इसके अलावा इनसे जुड़े हम्माल-तुलावटी भी काम नहीं कर पाएंगे। व्यापारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल के चलते भोपाल में ग्रेन एंड आयल सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन ने भी मंडी बंद रखने का निर्णय लिया है। यदि मांगे पूरी नहीं होंगी तो मंडी अनिश्चित काल के लिए बंद रह सकती है।
सिहोरा मंडी में किसानों से अपील
कृषि उपज मंडी समिति सिहोरा सचिव के अनुसार सिहोरा अनाज व्यापारी कल्याण संघ ने 2 सितंबर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में 4 सितंबर से कारोबार बंद रखने की अपील की है। किसान भाइयों से अपील की गई है कि कारोबार प्रारंभ होने पर ही अपनी कृषि उपज मंडी में विक्रय के लिए लाएं।
ये हैं व्यापारियों की प्रमुख मांगें
- मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।
- निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
- मंडी अधिनियम की धारा 19 (2), धारा 19 (8), धारा 46 (डी) एवं धारा 46 (च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए।
- मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए। कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए।
- लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।
- वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
- मंडी समितियों को धारा 17 (2), (14) व 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
- लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म हो।
- कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगे।
- धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।
आज सुबह 11 बजे व्यापारी मंडी पहुंचेंगे। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन के बाद ज्ञापन दिया जाएगा। फिलहाल मंडी से खरीदी नहीं की जाएगी। मांग पूरी न होने पर अन्य व्यापारी संघों का भी समर्थन लिया जाएगा। -रीतेश अग्रवाल (गुड्डू) मानसेवी मंत्री, जबलपुर अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ