अमेरिका का फर्स्ट रिपब्लिक बैंक बंद, जेपी मॉर्गन ने खरीदे एसेट्स
वॉशिंगटन। अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी ने संकटग्रस्त फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का अधिग्रहण कर लिया है। बैंक को बचाने के सभी प्रयासों के विफल होने के बाद ऐसा किया गया है। संकट में फंसने के बाद बैंक को रेगुलेटर्स ने अपने कब्जे में ले लिया था। 8 राज्यों में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के 84 आॅफिस जेपी मॉर्गन चेस बैंक की ब्रांच के रूप में फिर से खुलेंगे। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के डिपॉजिटर जेपी मॉर्गन चेस बैंक के डिपॉजिटर बन जाएंगे। अपने अकाउंट को एक्सेस कर पाएंगे। यानी ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
नुकसान को कवर करने 13 अरब डॉलर का भुगतान
अमेरिकी रेगुलेटर का अनुमान है कि उसके इंश्योरेंस फंड को फर्स्ट रिपब्लिक के नुकसान को कवर करने के लिए करीब 13 अरब डॉलर का भुगतान करना होगा। जेपी मॉर्गन और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कार्पोरेशन सिंगल फैमिली और कमर्शियल लोन्स के लॉसेज के साथ-साथ रिकवरी को भी शेयर करेंगे।
भारतीय बैंकों पर अमेरिकी बैंकिंग संकट का असर नहीं
अमेरिका के बैंकिंग संकट का असर भारतीय बैंकों पर नहीं होगा। अमेरिकी इंवेस्टमेंट कंपनी जेफरीज और फाइनेंशियल सर्विसेस फर्म मैक्वेरी ने कहा था कि स्थानीय डिपॉजिट पर निर्भरता, सरकारी बॉन्ड में निवेश और पर्याप्त नकदी के चलते भारतीय बैंक मजबूत स्थिति में हैं।
क्यो डूबा फर्स्ट रिपब्लिक बैंक?
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के डूबने का कारण लोन और इन्वेस्टमेंट का बोझ हैं। पिछले सोमवार को फर्स्ट रिपब्लिक ने बताया था कि ग्राहकों ने साल के पहले तीन महीनों में 102 बिलियन डॉलर निकाल लिए। 2022 के अंत में बैंक का डिपॉजिट 176 बिलियन डॉलर के करीब था। यानी आधे से ज्यादा डिपॉजिट निकाल लिया गया। बैंक ने इस दौरान 92 बिलियन डॉलर उधार भी लिए थे। गुरुवार रात तक फर्स्ट रिपब्लिक और उसके सलाहकारों को पता चल गया था कि गवर्नमेंट टेकओवर के अलावा कोई आॅप्शन नहीं है। फर्स्ट रिपब्लिक के स्टार्ट-अप इंडस्ट्री के कई कस्टमर थे।
11 बड़े बैंक फर्स्ट रिपब्लिक को बचाने आगे आए थे
फर्स्ट रिपब्लिक को डूबने से बचाने के लिए अमेरिका के 11 बड़े बैंक आगे आए थे। इन बैंकों ने फर्स्ट रिपब्लिक में 30 बिलियन डॉलर (करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए) का निवेश का कमिटमेंट किया था, ताकि डिपॉजिटर्स को पैसे निकालने में दिक्कत न हो। जेपी मॉर्गन, बैंक आॅफ अमेरिका, सिटीग्रुप और वेल्स फार्गो ने 5-5 बिलियन डॉलर की फंडिंग का वादा किया था। वहीं, गोल्डमैन सैच और मॉर्गन स्टैनले ने 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया था। बाकी के बैंक भी छोटी-मोटी पूंजी लगाई थी। पूंजी डालने वाले अमेरिकी बैंकों ने कहा था कि ये कदम फर्स्ट रिपब्लिक में उनके भरोसे को दर्शाता है।
शेयर 97% से ज्यादा टूटे
1985 में बना फर्स्ट रिपब्लिक बैंक अमेरिका का 14वां सबसे बड़ा बैंक था। इस साल मार्च से फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर 97% से ज्यादा टूट चुके हैं। मार्च में शेयर का भाव 122 डॉलर के करीब था। अभी ये गिरकर 3.51 डॉलर पर आ गया गया है।