अमेरिका ने भारत से मांगे 6 घड़ियाल और 6 मगरमच्छ

अमेरिका ने भारत से मांगे 6 घड़ियाल और 6 मगरमच्छ

वाशिंगटन। अमेरिका के एरिजोना स्थित सबसे बड़े सरीसृप बैंक ने दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से छह घड़ियाल और इतनी ही संख्या में मगरमच्छ मंगाने के लिए संघीय सरकार को आवेदन दिया है। उसका तर्क है कि इससे इन लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम (ईएसए) के तहत फीनिक्स हर्पर्टोलॉजिकल सोसाइटी ने अमेरिकी मत्स्य एवं वन्यजीव सेवा को इस संबंध में अनुमति के लिए आवेदन किया है। संघीय सरकार ने इस संबंध में सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। फीनिक्स हपेर्टोलॉजिकल सोसाइटी ने 3 नर व 3 मादा घड़ियाल और 3 नर और 3 मादा मगरमच्छ तमिलनाडु में मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट से आयात की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है।

चेहरे पर तीखी नोक :घड़ियाल सभी मगरमच्छ प्रजातियों में से सबसे अलग प्रजातियों में से एक है। नर घड़ियाल की लंबाई 16 से 20 फीट (5 से 6 मीटर) तक होती है। मादाओं की लंबाई आमतौर पर 11.5 से 15 फीट (3.5 से 4.5 मी.) तक होती है। इसके चेहरा बेहद थीखी नोक वाला होता है।

चेहरा वी आकार का :

मगरमच्छ की लंबाई 5-6 मीटर तक होती है। कहीं कहीं ये 7 मी. भी पाए जाते हैं। मगरमच्छ अपने दांतो से एक स्क्वॉयर इंच के हिस्से में 5,000 पाउंड से भी ज्यादा का दबाव डाल सकते हैं। चेहरे का आकार अंग्रेजी के वी आकार का होता है। यह बेहद गुस्सैल जीवों में से एक है।111यहां पाया जाता है:घड़ियाल मीठे पानी का जीव है। यह भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान की नदियों में पाया जाता है।

यहां पाया जाता हैै:मगरमच्छ आमतौर पर खारा पानी पसंद करते हैं, जो थोड़ा मटमैला हो। ये मध्य अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया में पाए जाते हैं।

लोगों से 16 अगस्त तक मांगी गई राय: फीनिक्स हपेर्टोलॉजिकल सोसायटी ने कहा कि इसके इंपोर्ट का उद्देश्य इन प्रजातियों के अस्तित्व को बढ़ाना है। यह नोटिफिकेशन सिर्फ एक बार के इंपोर्ट के लिए है। इसमें आम लोगों से 16 अगस्त तक राय देने को कहा गया है।