जेएएच परिसर में एंबुलेंस का कब्जा, नहीं होती कार्रवाई, मरीज परेशान

जेएएच परिसर में एंबुलेंस का कब्जा, नहीं होती कार्रवाई, मरीज परेशान

ग्वालियर। जेएएच समूह के कई अस्पताल तो पॉटरीज की जमीन पर बने हजार बिस्तर के अस्पताल में शिफ्ट हो गए, लेकिन इस अस्पताल से एंबुलेंस वालों का मोह भंग नहीं हो रहा है, इन प्राइवेट एंबुलेंस वालों ने अस्पताल परिसर को अपना अड्डा बना लिया है। आलम यह है कि कैजुअल्टी व पुरानी ओपीडी के साथ ही ट्रॉमा सेंटर के गेट तक यह लोग अपनी एंबुलेंस खड़ी कर देते हैं, दूसरी ओर प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। दूसरी ओर इन एंबुलेंस वालों के हौसले इतने बुलंद हैं इन्होंने ट्रॉमा सेंटर एवं कैजुअल्टी से लेकर न्यूरोलॉजी एवं केआरएच तक को इन्होंने अड्डा बना रखा है, दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन भी इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।

अस्पताल प्रबंधन ने कुल 34 रजिस्टर्ड एंबुलेंस को अस्पताल में सेवाएं देने की अनुमति दी है, लेकिन इन्हें अस्पताल परिसर के बाहर ही रहना होगा, लेकिन इन लोगों ने ऐसे प्वाइंट को अपना अड्डा बनाया है कि जहां सबसे पहले मरीज आता है और मरीजों को बहला फुसलाकर प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने का खेल अब भी जारी है। वहीं इस खेल में पार्किंग ठेकेदार के लोग भी शामिल हैं। इससे पहले यह तय हुआ था कि यह एंबुलेंस मरीज को छोड़कर अस्पताल परिसर से बाहर निकल जाएगी और जिसका नंबर आएगा वह एंबुलेंस अंदर आएगी, लेकिन यह परमानेंट वहीं पर खड़ी रहती हैं।

प्रबंधन को दी सूचना नहीं निकला हल

ट्रॉमा सेंटर में सबसे अधिक समस्या आ रही है, ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी ने बुधवार की सुबह निरीक्षण किया तो उन्हें यहां अवैध एंबुलेंस खड़ी हुई मिली। इसके बाद इन्होंने इसकी सूचना अस्पताल के प्रबंधक को दी, प्रभारी का कहना है कि इसके बाद भी इन एंबुलेंस वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके साथ ही कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि एंबुलेंस की वजह से मरीज को अंदर लाने में परेशानी होती है।

वीडियो किए पोस्ट, उठाए सवाल

जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में हाल ही में नन चाकू चलाने वाले डॉक्टर ने बुधवार को सोशल मीडिया पर ट्रॉमा सेंटर का वीडियो पोस्ट कर अस्पताल की वर्तमान स्थिति से लोगों को अवगत कराया। डॉक्टर ने अस्थि रोग विभाग के अपने साथियों पर ही हमला करने का आरोप लगाया है। डॉक्टर निशांत गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि उनके अस्थि रोग विभाग के सैकड़ों साथी मारने के लिए आए थे।