कृषि विवि के छात्र नई तकनीक सीखने फिलीपींस गए
ग्वालियर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि के 8 छात्र नेशनल एग्रीकल्चर हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट (नाहेप) के अंतर्गत अत्याधुनिक तकनीक सीखने के लिए 14 मार्च को फिलीपींस गए हैं। छात्र एक महीने तक अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान, उत्पादन, चावल की विभिन्न किस्मों, प्रसंस्करण के बारे में जानेंगे। छात्रों के रहने खाने पर लगभग 20 से 22 लाख रुपए का खर्चा आएगा। छात्रों ने वीजा का आवेदन खुद किया गया था मगर वीजा बनने में जो भी खर्चा आया है, वह विवि ने वहन किया है।
इससे पहले जुलाई 2022 में कृषि कॉलेज ग्वालियर में बीएससी थर्ड ईयर के छात्र 20 दिन के लिए हिब्रू विवि इजराइल गए थे, जहां छात्रों ने खारे पानी से सिंचाई, उन्नत खेती करने के तरीके सीखे थे। नाहेप प्रोजेक्ट के तहत विदेश में अध्ययन भेजे जाने से विवि के पांचों कॉलेजों के छात्रों में उत्साह है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान
चावल की किस्मों के विकास के क्षेत्र में कार्य करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान और प्रशिक्षण संगठन है, जिसने हरित क्रांति में अहम योगदान दिया था। यहां पर चावल का जीन बैंक भी है, साथ ही यहां चावल की सवा लाख से ज्यादा किस्में हैं, जिन्हें 100 देशों से इकट्ठा किया गया है। 1960 में स्थापित यह केंद्र चावल अनुसंधान के मामले में सबसे पुराना अनुसंधान केंद्र है और यहां बड़ी संख्या में भारतीय वैज्ञानिक भी काम करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान पर परामर्शदात्री समूह के तहत स्थापित दुनिया के 15 अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों में से एक है। संस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर राइस फील्ड लैबोरेट्री भी है, जिसका अनावरण खुद प्रधानमंत्री ने किया था।
कृषि विवि के 8 छात्र नई तकनीक सीखने के लिए फिलीपींस गए हैं। यशवंत इंदापुरकर, पीआरओ कृषि विवि