खस्ताहाली से उबरने फिर वसूली भाई की भूमिका में आया ननि

खस्ताहाली से उबरने फिर वसूली भाई की भूमिका में आया ननि

जबलपुर। नगर निगम इन दिनों खस्ताहाली के आलम से गुजर रहा है,यही वजह है कि एक बार फिर वह वसूली भाई के किरदार में नजर आने लगा है। टैक्स वसूली के लिए अब आपके दरवाजे पर यदि निगम कर्मी दस्तक दें और सख्ती करें तो हैरत न करें,ये उनकी मजबूरी है। टैक्स देने में हीलाहवाली करने पर ये आपके मकान की कुर्की तक कर सकते हैं। नगर निगम की आर्थिक स्थिति इन दिनों बेहद दयनीय है और उसे शासन स्तर पर मदद भी नहीं मिल पा रही है। यदि चुंगी क्षति पूर्ति की राशि ने मिले तो नगर निगम में वेतन बांटने तक के लाले पड़ जाएं। वहीं विकास कार्यों के लिए उसके पास कोई राशि नहीं है। ठेकेदारों के भुगतान महीनों से रुके हुए हैं। ऐसे में हालत संभालने के लिए उसके पास टैक्स वसूली के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझ रहा है।

3 हजार देयकों का वितरण

हुआ बुधवार को नगर निगम ने 3 हजार देयकों का वितरण शहर भर में किया है। दरअसल पहला दिन देयकों की छंटनी में लग गया। गुरूवार से इस कार्य में गति आएगी। मुख्य रूप से राजस्व विभाग द्वारा संपत्ति-जल व डोर टू डोर के देयक बांटे जा रहे हैं। शहर में पौने दो लाख से अधिक संपत्तिधारक हैं जिन्हें इन तीनों मदों संपत्ति-जल व डोर टू डोर के देयक दिए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा फोकस उन बकायादारों पर है जिन्होंने पूर्व के वर्षाें में भी टैक्स जमा नहीं किया है।

डोर टू डोर शुल्क के भुगतान में हीलाहवाली

देखने में आ रहा है कि नागरिक डोर टू डोर कचरा कलेक्शर शुल्क देने में हीलाहवाली करते हैं। यह घरेलू 360 और व्यवसायिक रूप से 740 रुपए साल लिया जाता है। यह व्यवस्था 2016 से लागू है ज्यादातर संपत्ति धारकों का यह तभी से बकाया चल रहा है। इसकी वसूली केवल तभी होती है जब किसी संपत्ति धारक को अपने कामों के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत होती है ऐसी स्थिति में नगर निगम सभी भुगतान लेने के बाद ही अनापत्ति देता है।

कुर्की तक के आदेश

वर्तमान में निगमायुक्त स्वप्निल वानखेड़े ने नगर निगम अमले को निर्देश दिए हैं कि टैक्स की वसूली सख्ती से की जाए और यदि इसमें बकायादार हीलाहवाली करें तो उनके घरों की कुर्की की कार्रवाई की जाए। ऐसे में यदि आपका टैक्स पिछले सालों का भी बकाया है तो निगम कर्मियों की सख्ती के लिए तैयार रहें।

50 हजार से ज्यादा बकाया वालों पर फोकस

नगर निगम ऐसे बकायादारों पर विशेष फोकस कर रहा है जिनके ऊपर सभी टैक्स मिलाकर 50 हजार रुपए से ज्यादा हो गया है। इनसे नगर निगम के कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से मिलकर पहले टैक्स जमा करने का आग्रह करेंगे,न जमा करने पर वे सख्ती बरतेंगे।

संपत्ति कर जलशुल्क व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन शुल्क की वसूली के लिए टीमें सक्रिय हुई हैं। पहले दिन 3 हजार के करीब देयक वितरित किए गए हैं। अब तक 70 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में जमा हुआ है,इन तीनों मदों में हमारा टारगेट 190 करोड़ रुपए का है। प्रेम नारायण सनखेरे,उपायुक्त राजस्व,नगर निगम।