विवादों के बाद एमयू ने आयुर्वेद कॉलेज को बनाया परीक्षा केंद्र
जबलपुर। प्रदेश की मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी इन दिनों फिर सुर्खियों में है। विवादों के बाद एमयू प्रशासन ने फिर से ग्वारीघाट स्थित आयुर्वेद कॉलेज को आयुर्वेद की सेंकड ईयर, फाइनल ईयर की परीक्षा के लिए सेंटर बना दिया है। यहां पर वे छात्र भी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दे रहे हैं जो कि इसी कॉलेज में अध्ययनरत है। ऐसे में निजी कॉलेज के छात्रों ने यहां पर गड़बड़ी होने के आरोप लगाते हुए विवि प्रशासन को शिकायत की। लेकिन आरोपशिका यत को दरकिनार करते हुए विवि के परीक्षा एवं गोपनीय विभाग ने आयुर्वेद कॉलेज को न सिर्फ सेंटर बना दिया बल्कि परीक्षाएं भी शुरू करा दी।
इस बात को लेकर निजी आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों का कहना है कि अब विवि प्रशासन स्तर पर कोई भी शिकायत नहीं की जाएगी। विवि प्रशासन के अधिकारियों की अनदेखी के बाद हम अपनी शिकायत महामहिम राज्यपाल तक करेंगे। पिछले बार भी हम लोगों ने इसका विरोध किया था और इसके बाद विवि प्रशासन ने कॉलेज प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगे थे लेकिन आज तक उन्हें फुटेज नहीं मिल पाए। इसके बाद कॉलेज को एग्जाम सेंटर बनाना विवि के अधिकारियों पर सवाल खडे करता है।
क्या कहते हैं विवि के परीक्षा नियंत्रक
इस संबंध में विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचिया ने बताया पिछले बार निजी कॉलेज के छात्रों की शिकायत के बाद इस बार सेंटर बनाया है उसमें व्यवस्था बदली गई है। हम सीसीटीवी फुटेज भी बुलाएंगे यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
150 से ज्यादा छात्र दे रहे परीक्षा
विवि प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक सेंकड ईयर, थर्ड ईयर, फाइनल ईयर की परीक्षा 150 से ज्यादा छात्र बैठे है। इनमें सबसे ज्यादा परीक्षार्थी सेंकड ईयर के है जिनकी संख्या 131 है।