कोविड के बाद... मृतकों के फूल रखना हुए कम, मुक्तिधामों पर हैं करीब 90 अस्थि कलश
इंदौर। कोविड के दौरान विभिन्न मुक्तिधामों में मृतकों के फूल (संचित अस्थियां) हजारों की संख्या में थीं। अलग-अलग आयोजन में इन अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया। फिलहाल शहर के तीन मुक्तिधाम ही ऐसे हैं, जहां मृतकों के फूल रखे हैं। सबसे अधिक जूनी इंदौर पर 80, मेघदूत के पास 5, रीजनल पार्क में 2 तो परदेशीपुरा मुक्तिधाम में 2 फूल रखे हैं।
कोविड के दौरान विभिन्न मुक्तिधामों में मृतकों के फूल हजारों की संख्या में थे, कई तो ऐसे भी परिवार भी रहे जिनका कमाने वाला कोई नहीं बचा। जयकुमार जोशी के अनुसार मुक्तिधामों पर इनकी भरमार हो गई। इस पर महाकाल सेवा समिति, सुल्ताने इंदौर एकता सेवा समिति के सदस्यों ने इन अस्थियों को हरिद्वार व प्रयागराज पर रीति-रिवाज के साथ विसर्जित कराया। बताया गया कि बीते दो सालों में दोनों समितियों ने संयुक्त प्रयास करके आठ सौ के करीब फूल मोक्ष की कामना से तीर्थस्थलों पर विसर्जित कराए हैं।
किसी भी परिवार में गमी का होना तकलीफदेह रहता है। किसी तरह अंतिम संस्कार किया जाता है। कई बार परिजन यह सोचकर मृतक की अस्थियां मुक्तिधामों पर जमा करा जाते हैं कि जैसे ही तीर्थस्थल जाने का प्लान बनेगा, इसे ले लेंगे। मजबूरी के मारे कई बार तो लोग तीसरे दिन अस्थि संचय के लिए भी नहीं आते। इन्हें निगम एकत्र करके रख देता है। कई बार कुछ दिनों के बाद मृतक के परिजन इसे लेने के लिए भी आते हैं।
अंतिम संस्कार के केंद्र- रीजनल पार्क, पचकुइया, जूनी इंदौर, रामबाग, सिरपुर, मालवा मिल, तिलक नगर, कुम्हारखाड़ी, सयाजी के पास, आजाद नगर, बांगड़दा। इनमें पंचकुइया मुक्तिधाम द्वारा मृतक के फूल का पवित्र जल में विसर्जन कराया जाता है।
सबसे ज्यादा फूल जूनी इंदौर में- शहर के जूनी इंदौर मुक्तिधाम पर एक्सीडेंट में मृत लोग जिसके परिजनों की जानकारी नहीं मिल पाती, ऐसे सभी लोगों का अंतिम संस्कार कर अस्थियां सुरक्षित रखते हैं। यहां फिलहाल 80 अस्थि कलश रखे हुए हैं।