भारत के बाद 4 और देशों ने भी खारिज किया चीन का नक्शा

भारत के बाद 4 और देशों ने भी खारिज किया चीन का नक्शा

बीजिंग। भारत के साथ-साथ फिलीपीन, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान की सरकारों ने गुरुवार को चीन के नए राष्ट्रीय मानचित्र को खारिज कर दिया और कड़े शब्दों में बयान जारी कर आरोप लगाया कि बीजिंग उनके देश के क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है। मलेशियाई सरकार ने कहा वह दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों पर एक विरोध नोट भेजेगी, जैसा कि चीन मानक मानचित्र संस्करण 2023 में उल्लिखित है। मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि चीन के मानक मानचित्र के ताजा संस्करण में बताया गया है और उसमें मलेशिया के समुद्री क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। वियतनामी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग ने कहा कि वियतनाम होआंग सा (पैरासेल) और ट्रूओंग सा (स्प्रैटली) द्वीपों पर अपनी संप्रभुता को दृढ़ता से दोहराता है, और चीन के किसी भी समुद्री दावे को दृढ़ता से खारिज करता है।

यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

फिलीपीन की प्रवक्ता मा तेरेसिता दाजा ने कहा, समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने के इस नवीनतम प्रयास का अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से 1982 की समुद्र कानून संबंधी संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएलओएस) के तहत कोई आधार नहीं है। 2016 के आर्बिट्रल अवार्ड ने पहले ही सीमांकन को अमान्य कर दिया है और चीन से यूएनसीएल ओएस के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया है। मनीला ने 2013 में चीन के मानचित्र के प्रकाशन का विरोध किया था, जिसमें कलायान द्वीप समूह या स्प्रैटलीज के कुछ हिस्सों को चीन की राष्ट्रीय सीमा के भीतर रखा गया था।

ताइवान में भारत के अधिकारियों की मौजूदगी पर चीन ने जताई आपत्ति

बीजिंग। चीन ने गुरुवार को कहा कि वह बीजिंग के साथ कूटनीतिक संबंध रखने वाले देशों और ताइवान के अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के आधिकारिक संवाद का कड़ा विरोध करता है। भारत के तीन पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों के इस महीने ताइपे में ताइवान के अधिकारियों द्वारा आयोजित सुरक्षा संवाद में शामिल होने की खबरों पर एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यह बात कही। स्वशासी ताइवान को अपना क्षेत्र मानने वाला चीन ताइपे की किसी भी उच्चस्तरीय यात्रा का नियमित रूप से विरोध करता रहा है और उसका कहना है कि यह एक-चीन के सिद्धांत का उल्लंघन है। नौसेना, सेना और वायु सेना के पूर्व प्रमुख क्रमश: एडमिरल करमबीर सिंह, जनरल एमएम नरवणे और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हाल में ताइवान में आयोजित केटागलान फोरम के 2023 हिंद- प्रशांत सुरक्षा संवाद में शिरकत की थी।