10 प्राइवेट, 8 गवर्मेंट लॉ कॉलेजों को सत्र 24-25 की संबद्धता दी
ग्वालियर। जेयू कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्थाई समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें लॉ कॉलेजों को सत्र 2024-25 की संबद्धता निरंतरता पर निर्णय लिया गया। 10 प्राइवेट और 8 गवर्मेंट कॉलेजों को संबद्धता देने की अनुशंसा की गई। अंतिम निर्णय जनवरी के पहले सप्ताह में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में लिया जाएगा। सोनाली कॉलेज गुना को लेकर निरीक्षण समिति की स्पष्ट अनुशंसा नहीं होने पर कॉलेज को संबद्धता नहीं दी गई। निर्णय लिया गया कि समिति से स्पष्ट अनुशंसा ली जाए।
इन कॉलेजों को संबद्धता की अनुशंसा की
ग्वालियर लॉ कॉलेज, पृथ्वी कॉलेज, सर्वधर्म लॉ कॉलेज, केआरजी कॉलेज, एमएलबी कॉलेज, माधव लॉ कॉलेज, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट, महात्मा गांधी लॉ कॉलेज ग्वालियर, रुस्तम सिंह लॉ कॉलेज, चौ. दिलीप सिंह कॉलेज, मां त्रिमुखा लॉ कॉलेज, एमजेएस कॉलेज भिंड, गवर्मेंट लॉ कॉलेज श्योपुर, गवर्मेंट लॉ कॉलेज मुरैना, गवर्मेंट लॉ कॉलेज गुना, गवर्मेंट लॉ कॉलेज अशोकनगर, गवर्मेंट लॉ कॉलेज दतिया, गवर्मेंट लॉ कॉलेज शिवपुरी।
ये भी निर्णय हुए
श्रीरावतपुरा सरकार कॉलेज दतिया द्वारा बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, मेथ, बायोलॉजी, बीकॉम कम्प्यूटर एप्लीकेशन, बीसीए कोर्स सत्र 24-25 से बंद करने के आवेदन को मान्य किया गया, - छात्र ललित कुमार द्वारा एमकॉम के बाद पीएचडी करने के लिए अर्हता मामले में शासन के नियम के कार्रवाई की जाएगी, - ज्योतिर्विज्ञान के समन्वयक डॉ. राजेंद्र खटीक द्वारा वास्तुशास्त्र एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम आय- व्यय, स्कीम, सिलेबस व अन्य जानकारी रखी र्गइं, कोर्स पर एकेडमिक काउंसिल में चर्चा होगी।
अतिथि विद्वानों को अकादमिक समन्वयक बनाया जाएगा
कुलपति प्रो. तिवारी ने कहा कि विवि ने नियमित शिक्षक लगातार कम हो रहे हैं और जो शिक्षक हैं, उनमें आपस में बनती नहीं है, इसलिए अध्ययनशालाओं में पढ़ा रहे ऐसे अतिथि विद्वान जिन्हें पढ़ाते हुए पांच साल हो गए हैं, उन्हें अकादमिक समन्वयक बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से मान्य कर लिया गया।
स्थाई समिति की बैठक में 11 प्राइवेट और 8 गवर्मेंट लॉ कॉलेजों को सत्र 2024-25 की संबद्धता निरंतरता के लिए निरीक्षण समितियों की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। 18 कॉलेजों को संबद्धता की अनुशंसी की गई है। सोनाली कॉलेज गुना को लेकर स्पष्ट अनुशंसा नहीं होने पर संबद्धता पर निर्णय नहीं हुआ है। निरीक्षण समिति से अनुशंसा लेने के बाद निर्णय लिया जाएगा। डॉ. शांतिदेव सिसौदिया, डीसीडीसी जेयृू