मांधाता पर्वत पर विराजे आदिगुरु शंकराचार्य, अब बनेगा अद्वैतलोक

सीएम शिवराज ने साधु-संतों के साथ किया प्रतिमा का अनावरण

मांधाता पर्वत पर विराजे आदिगुरु शंकराचार्य, अब बनेगा अद्वैतलोक

खंडवा। ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का सीएम शिवराजसिंह चौहान ने करीब पांच हजार साधु-संतों की मौजूदगी में अनावरण किया और अद्वैत धाम की आधारशिला रखी। एकात्मकता की प्रतीक इस प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ वननेस का नाम दिया गया है। प्रतिमा में आदि शंकराचार्य बाल रूप में दिख रहे हैं। प्रतिमा का अनावरण करने के बाद सीएम शिवराज ने इसकी संतों के साथ परिक्रमा भी की। लगभग 2 हजार 200 करोड़ रुपए की लागत से अद्वैत लोक का डेवलपमेंट किया जाएगा।

12 साल के बालक के रूप में दिख रहे हैं शंकराचार्य :

ओंकारेश्वर आदिगुरु शंकराचार्य की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि है। यहीं उनको गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं तीन वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही भारत में वेदांत के प्रसार के लिए उन्होंने प्रस्थान किया। इसलिए ओंकारेश्वर में 12 वर्ष के आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना की गई है।

केरल की पारंपरिक पद्धति से हुआ स्वागत :

ओंकारेश्वर में संतजन के आगमन पर केरल की पारंपरिक पद्धति से स्वागत किया गया। इसके पीछे कारण शंकराचार्य का जन्म केरल में होना है। विभिन्न राज्यों से आए सांस्कृतिक नृत्य दलों के कलाकारों ने शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुति देते हुए सभी का स्वागत किया। सनातन संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक नृत्यों ने कार्यक्रम स्थल को आध्यात्मिक भाव से सराबोर कर दिया।

सीएम ने परोसा भोजन :

अद्वैत लोक के मांगलिक अनुष्ठान के अवसर पर उपस्थितजन को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वातावरण में अध्यात्म की दिव्य अनुभूति हुई। सीएम ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य की एकात्मता की प्रतिमा विश्व को शांति और एकता का संदेश देगी। सीएम ने पत्नी साधना सिंह के साथ साधु संत, संन्यासियों तथा विद्वानों को भोजन-प्रसादी स्वयं परोसी। संतों ने मुख्यमंत्री को शॉल ओढ़ाकर व मिष्ठान्न खिलाकर आशीर्वाद भी दिया।

आज आदिगुरु फिर पधार गए हैं। उनके चरणों में प्रणाम। उपयुक्त अवसर पर शृंगेरी मठ से आई माला आदिगुरु को पहनाई जाएगी। अभी सुरक्षित रखते हैं। मठ की ओर से पादुका भी आएगी। - शिवराज सिंह चौहान, सीएम

     सांस्कृतिक एकता के देवदूत आदि शंकराचार्य जी को नमन करता हूं। नागर व द्रविड़ शैली में निर्मित होने वाला यह भव्य एकात्म धाम जब अपने पूर्ण रूप में साकार होगा, तो सकल ब्रह्मांड इसकी शोभा से आलोकित होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, बहुत बहुत धन्यवाद। - सोनू अहिरवार