अडाणी इंटरप्राइजेज 2,640 पर, ग्रुप का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ के पार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पैनल की तरफ से क्लीन चिट मिलने के बाद सोमवार को अडाणी ग्रुप के शेयरों में बंपर तेजी दर्ज हुई। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 19 फीसदी उछल गया था। इसके शेयर में मंगलवार को भी भारी तेजी दर्ज की गई और यह13.19% चढ़कर 2,640 रुपए पर बंद हुआ। यानी दो दिन में ही इसका शेयर 30% से ज्यादा चढ़ गया। वहीं अडाणी ग्रुप के सभी 10 कंपनियों के शेयरों में तेजी रही और उनका मार्केट कैप भी 10 लाख करोड़ को पार कर गया।
निचले स्तर से 3 लाख करोड़ बढ़ा
मार्केट कैप अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद गिरकर करीब 7 लाख करोड़ रुपए पर आ गया था। अब अडाणी ग्रुप के शेयरों में दोबारा रिकवरी देखने को मिली है और इसका कंबाइन्ड मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। यानी निचले स्तर से ये करीब 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है।
जीक्यूजी पार्टनर्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई
इन्वेस्टर राजीव जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडाणी ग्रुप में अपनी 10% हिस्सेदारी बढ़ा दी है। हालांकि किस कंपनी के कितने शेयर उन्होंने खरीदे हैं? इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। अडाणी ग्रुप में जीक्यूजी की हिस्सेदारी 3.5 बिलियन डॉलर यानी 28 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है। मार्च में भी जीक्यूजी ने अडाणी ग्रुप में 15,446 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
शेयरों में तेजी का कारण?
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल को अडाणी ग्रुप की कंपनियों में स्टॉक प्राइस के हेरफेर का कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में तेजी आई।
शेयर बाजार फ्लैट बंद
आखिरी घंटे में बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार फ्लैट बंद हुआ। सेंसेक्स 0.03% या 18.11 अंक चढ़कर 61,981 पर पहुंच गया। इसके 30 में से 13 शेयरों में खरीदारी और 17 में बिकवाली रही। वहीं निफ़्टी 0.18% या 33.60 अंक बढ़कर 18,348 पर बंद हुआ।
जब कोई नकारात्मक नहीं होता, तो परिणाम सकारात्मक होता है
अडाणी के शेयर्स में आई तेजी के बारे में बताते हुए मार्केट प्रमुख देवेन चौकसे ने कहा कि बाजार की प्रवृत्ति है कि जब भी कोई नकारात्मक नहीं होता है, तो उसका परिणाम सकारात्मक होता है। चोकसे के अनुसार, ज्यादातर कम्पनियां मौलिक रूप से बेहतर कार्य करती हैं, इसलिए हम अपेक्षाकृत अधिक आश्वस्त रहते हैं। हालांकि, मूल्यांकनों में बदलाव और सुधार हुए हैं, लेकिन इसके पहले के स्तर से थोड़े सामान्य स्तर पर आने की कुछ सम्भावनाएं भी होनी चाहिए।