अपने बलबूते हासिल किया मुकाम, अब उपलब्ध करा रहीं दूसरों को रोजगार
जबलपुर। अपनी लगन,परिश्रम और कड़ी मेहनत के बाद जब सफलता हासिल होती है तो इसका आनंद ही कुछ और होता है। ऐसा ही महसूस कर रही हैं शहर की ये तीन युवतियां। तीनों मध्यमवर्गीय परिवारों से हैं और आज जिन ब्रॉन्ड्Þस की संचालक हैं और दर्जनों लोगों को रोजगार दिए हुए हैं,ने पहले नौकरियां भी कीं और प्रशिक्षण भी लिया। वे मप्र एसोसिएशन आॅफ वूमेन एंटरप्रेन्योर यानि मावे की शुक्रगुजार हैं जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया और वे विदेशों तक अपने संपर्क बढ़ा रही हैं। इनमें से एक गारमेंट सेक्टर तो दूसरी शेयर मार्के ट एडवाइजर और तीसरी बड़ी लान्ड्री संचालक हैं।
सुचेता गाबा का सस्टेनेबल क्लोथिंग लाइन
सुचेता गाबा नाम से जाने जाना वाला यह ब्रॉन्ड न केवल एक फैशन स्थिति है बल्कि यह एक पर्यावरण साथी और महिलाओं के लिए रोजगार का नया स्त्रोत है। सुचेता गाबा ने इसके पीछे की ताकत हैं इन्होंने एक विशेष मिशन को पूरा किया है। सस्टेनेबिलिटी को प्रमोट करने के साथ,ट्रेंडी डिजाइंस भी ध्यान में रखे गए हैं। उनके ब्रॉन्ड का महत्वपूर्ण फीचर है वे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार हैं। जो स्टाइल और पर्यावरण के साथ चरम पर हैं। इसके लिए उन्होंने कई नौकरियां कीं,पारिवारिक रूप से सक्षम न होने के कारण इस काम का प्रशिक्षण लिया और बैंक की सहायता से 10 लाख रुपए से अपना काम चालू किया,अभी वे करीब 7 लाख रुपए वार्षिक इससे कमा रही हैं। उनके ब्रॉन्ड विदेशों तक पहुंचने लगे हैं।
प्रियंका का ब्रॉन्ड टक-इन-जूटी
प्रियंका कौर के ब्रॉन्ड का नाम है टक-इन-जूटी। ये एक फैशन डिजाइनर और उद्यमी हैं। यह एक घरेलू ब्रॉन्ड है जो बेहतरीन हस्तनिर्मित डिजाइनर जूतियां,क्लच और पोटली का संग्रह बनाती हैं।उत्पाद के लिए कारीगरों को ट्रेंड कर इन्हें विशेषज्ञ बना दिया गया है।अब संग्रह में विस्तार पर नजर है। ये समकालीन और पारंपरिक फैशन का मिश्रण प्रस्तुत करती हैं जो इन्हें भीड़ से अलग बनाता है। आप इन्हें डिजाइन बताएं तो ये आपके लिए मनचाही जूतियां,क्लच और पोटली बनाकर दे सकती हैं। प्रियंका भी सामान्य परिवार से हैं और बैंक की सहायता से अपना व्यवसाय स्थापित कर रही हैं।
जसमीत कौर ने लॉन्ड्री की स्थापित
जसमीत कौर ने बताया कि मार्च 2020 में कोविड-19 की पहली लहर के कुछ पहले ही लॉन्ड्री प्लांट की शुरूआत की और इसके बाद लाकडाउन लग गया,लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।मैंने अपना बिजनेस करने की ठानी थी। मैंने आईएचएम हैदराबाद से होटल मैनेजमेंट किया है। इंग्लिस लिटरेचर में मास्टर्स की डिग्री ली है। आईआईएम अहमदाबाद में आयोजित एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम में भाग लिया है। फिर खुद का व्यवसाय स्थापित करने की ठानी। होटल मैनेजमेंट में रुचि के चलते मेरी लॉन्ड्री फील्ड में रुचि थी। इसलिए मैंने यह बिजनेस शुरू किया। हमारे पास 6-7 मशीनें व 100 केजी का वॉशर है। कमर्शियल के साथ ही हमारी डोमेस्टिक में मुख्य विशेषता है। जैसे हम लेदर शूज, बैग,लगेज बैग आदि को भी वॉश करते हैं। हमारे पास शहर के 12 से 15 बड़े होटल और हॉस्पिटल के लॉन्ड्री से संबंधित काम हैं। करीब दर्जन भर महिलाओं को रोजगार दिया है। मैंने भी 10लाख रुपए के बैंक लोन से काम शुरू किया था,अभी हमारी वार्षिक आय 5 से 6 लाख रुपए है।