आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया, जेल भेजा
ग्वालियर। अपर सत्र न्यायालय में गुरुवार को लूट डकैती व सामूहिक दुष्कर्म मुकेश उर्फ मुक्की, गोलू उर्फ भगवान परिहार ने सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने दोनों को सजा काटने जेल भेज दिया। कोर्ट ने आरोपियों को 25-25 साल की सजा सुनाई थी। 28 फरवरी को सजा सुनने के बाद आरोपी कोर्ट से भाग गए थे। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को आरोपियों को कोर्ट में पेश कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी, लेकिन आरोपियों गुरुवार को खुद ही सरेंडर कर दिया। आरोपियों ने 20 अगस्त 2017 को सिंधिया नगर के पास वाली पहाड़ी पर सामूहिक दुष्कर्म व लूट व डकैती की घटना को अंजाम दिया था। आरोपित घटना को अंजाम देकर चले गए तब डायल 100 को सूचना दी और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने रोहित उर्फ घरगा जाटव निवासी घूघसी जिला दतिया, मुकेश उर्फ मुक्की निवासी महलगांव, गोलू उर्फ भगवान परिहार निवासी महलगांव, दीपक उर्फ जख्मी रजक निवासी महलगांव, राजकुमारी निवासी सोनागिरी जिला दतिया को आरोपी बनाया। कोर्ट ने मुकेश व गोलू को 25-25 साल की सजा सुनाई थी, जिसे सुनकर दोनों भाग गए थे।
जांच लंबित रखे जाने पर टीआई को नोटिस देने का आदेश
हाईकोर्ट ने चानू कुशवाह द्वारा केस की छह साल से लंबित जांच को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने केस की जांच लंबित रखे जाने पर थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण दिए जाने के आदेश दिए हैं। साथ ही पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि सीआरपीसी की धारा 173(8) के प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाए। न्यायालय ने कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद तीन महीने के भीतर पूरे मामले की जांच खत्म की जाए। चालान या खात्मा जो भी बने, उसे विचारण न्यायालय में पेश किया जाए। चानू कुशवाह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की।