घर बैठे देश के कई विश्वविद्यालय की अंकसूची बनाने के उस्ताद हैं आरोपी
इंदौर। शहर की विजय नगर पुलिस ने नकली अंकसूची बनाने वाले एक कथित गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने को लेकर सोमवार को प्रेस वार्ता की है। पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पूछताछ में पता चला कि वे अभी तक 10वीं, 12वीं, ग्रेज्यूएशन के साथ ही बीएएमएस , बीएचएमएस, बी फार्मा, डी फार्मा, लैब टेक्नीशियन जैसी 1000 से अधिक फर्जी मार्कशीट्स तैयार कर चुके हैं। पुलिस अब सिलसिलेवार अवैध लाभार्थी विद्यार्थियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। उल्लेखनीय है कि हम इससे पहले ही प्रमुखता से आपको बता चुके हैं कि गिरμत में आए आरोपी में खंडवा नाका निवासी दिनेश तिरोले और उज्जैन निवासी मनीष ठाकुर शामिल हैं।
यहां से खुली कलाई
दिनेश तिरोले ने छात्र आशीष श्रीवास्तव को घर बैठे डिग्री देने का सौदा 45 हजार रुपए में किया था। इसके बदले आशीष से 10 हजार रुपए एडवांस भी ले लिए थे। उसे कुछ मार्कशीट भी दी। आशीष ने कॉलेज से संपर्क किया तो पता चला कि ये तो फर्जी है। इसके बाद विजयनगर पुलिस ने केस दर्ज कर खंडवा नाका निवासी दिनेश तिरोले को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू की है, जिसके बाद ही फर्जी मार्कशीट बनाने वाली कथित गैंग का पर्दाफाश हो गया।
दूसरे राज्यों की नकली मार्कशीट जब्त
डीसीपी अभिषेक आनंद ने दावा किया है कि आरोपी फर्जी मार्कशीट तैयार करने के लिए मप्र के अलावा दिल्ली, बिहार, पंजाब, राजस्थान व कई अन्य प्रांतों व शहरों की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के नाम का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस ने विभिन्न संस्थानों के नाम से तैयार की गई लगभग 50 अंकसूची बरामद की है।