एआई से जान सकते हैं बच्चों के सिर में लगी चोट से भविष्य में क्या होंगी ब्रेन में समस्याएं
जबलपुर पहुंचे प्रख्यात न्यूरो सर्जन डॉ. वीडी सिन्हा ने की पीपुल्स समाचार से खास चर्चा
जबलपुर। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग के पूर्व एचओडी एवं प्रख्यात न्यूरो सर्जन डॉ. वीरेन्द्र डी सिन्हा ने बताया न्यूरो सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) का रोल बढ़ा है। उनकी द्वारा की गई रिसर्च में बच्चों के सिर में चोट लगने जैसे इमरजेंसी केसो में एआई से 99.93 प्रतिशत तक यह पता लगाया जा सकता है कि पीड़ित को भविष्य में कौन-कौन से बीमारी हो सकती है। डिसीज के अर्ली डायग्नोस से मरीज को समय पर उपचार दिया जा सकता है और उसे गंभीर अवस्था में जाने से पहले बचाया जा सकता है। डॉ. सिन्हा ने यह बात अपने एक दिवसीय जानकारी पीपुल्स समाचार से खास चर्चा में कही। उल्लेखनीय है कि डॉ. सिन्हा ने अब तक करीब 50 हजार से अधिक सफल न्यूरो सर्जरी की है।
न्यूरो सर्जरी की विधा में पीछे नहीं है भारत
डॉ. सिन्हा ने बताया न्यूरो सर्जरी की विधा हाईटेक हो चुकी है। लगभग सब कुछ डिजीटल है हम कह सकते हैं कि ऐसी कोई भी तकनीक नहीं है जो दूसरे देशों में है और वह भारत में नहीं। न्यूरो संबंधी केस बढ़ने का बड़ा कारण है हमारे यहां पर इंवेस्टिगेशन फैसेलिटी बढ़ गई है। सिटी स्केन, एमआरआई का इसमें बड़ा रोल है। आज मिनिमल इनविजीवल टेक्नीक से बड़े आॅपरेशन नहीं होते है इस तकनीक मरीज की रिकवरी रेट भी बढ़ा है।
जबलपुर में हो रहा बेहतर काम
डॉ. सिन्हा ने बताया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में न्यूरो के मरीजों के लिए बेहतर काम किया जा रहा है। डॉ. वायआर यादव और उनकी टीम ने एक बेहतर संस्थान को तकनीकों के साथ डेवलप किया है जो कि पूरे प्रदेश के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।