सरकारी जमीन पर न हों कब्जे इसलिए बनाया 100 एकड़ के पार्क का प्लान

सरकारी जमीन पर न हों कब्जे इसलिए बनाया 100 एकड़ के पार्क का प्लान

जबलपुर। शहर में डुमना नेचर पार्क के बाद सबसे बड़े पार्क बनाने के लिए नगर निगम ने कार्य योजना तैयार की थी। इसके लिए रांझी मोहनिया में 100 एकड़ नजूल भूमि को हस्तांतरित करने के लिए शासन के पास प्रस्ताव विगत 3 साल से विचाराधीन है। प्रस्तावित पार्क में डुमना नेचर की तर्ज पर पार्क विकसित करने की योजना है। गौरतलब है कि नगर निगम,जेडीए,केंट क्षेत्र में कुल 150 पार्क वर्तमान में हैं,जो कम जगह होने के कारण नागरिकों को मनोरंजन और सुविधाओं के नजरिये से छोटे पड़ते हैं। ऐसे में नगर निगम एक बड़े और विस्तारित उद्यान की तैयारी कर रहा है। रांझी क्षेत्र में वैसे भी कोई स्तरीय उद्यान नहीं है इसलिए यहां पर अनुपयोगी पड़ी नजूल भूमि पर उद्यान तैयार करने का प्रस्ताव बना है।

मौजूद पार्को में जगह की कमी

शहर में वर्तमान में डुमना नेचर पार्क,भंवरताल पार्क,टैगोर गार्डन को छोड़ दिया जाए तो बाकी पार्कों में सिर्फ उतनी ही जगह है कि स्थानीय लोग ही घूम-फिर सकें,और वहां के बच्चे खेल सकें। यही कारण है कि एक बड़े उद्यान की आवश्यकता है। इस जमीन को लेने के लिए नगर निगम को जिला प्रशासन की अनुमति मिल गई है। मोहनिया में प्रस्तावित पार्क को डुमना नेचर पार्क की तरह ही विकसित किए जाने की प्लानिंग है।

डीपीआर तैयार

नगर निगम ने इस उद्यान को विकसित करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर तैयार कर ली थी। शासन स्तर से जमीन की मंजूरी मिलते ही इसके लिए हस्तांतरण की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पार्क को बनाने की शुरूआत की जाएगी।

देखरेख में कमी

वर्तमान में नगर निगम,जेडीए व केंट के पास मिलकर 150 पार्क हैं लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा वीरान पड़े हैं। नगर निगम के पार्कों में काम करवाने के लिए राशि नहीं है तो जेडी के पार्क तो और बदहाल हैं,जिसमें बच्चों का खेलना तो दूर अंदर प्रवेश तक करना संभव नहीं है। केंट का टैगोर उद्यान जरूर ठीक-ठाक है।

होंगी ये सुविधाएं

रांझी मोहनिया में प्रस्तावित पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए छोटे-बड़े झूले,फिसलपट्टी,गोल चकरी,बड़े बुजुर्गों के लिए बैठने की व्यवस्था, टहलने के लिए पाथवे बनाया जाएगा। इसके अलावा फू लों की क्यारियां,सघन पौधरोपण कर इसे पर्यावरण के नजरिए से सघन वन बनाया जाएगा।

होने लगे अतिक्रमण

यहां की करीब 100 एकड़ जमीन पर अब अतिक्रमण भी होने लगे हैं जिन्हें खाली करवाने में प्रशासन को पसीना छूट सकता है।राजनीतिक संरक्षण में हो रहे इन कब्जों के चलते यदि समय रहते इन्हें खाली नहीं करवाया गया तो यह बेशकीमती जमीन कब्जों में चली जाएगी। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और मदनमहल पहाड़ी की तरह की चट्टानें शहर में दूसरा डुमना नेचर पार्क तैयार कर सकती है।

ऐसे होगी धन की व्यवस्था

वर्तमान में नगर निगम की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हैऔर वह जनहित से जुड़े मामूली काम तक नहीं करवा पा रहा है ऐसे में इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए राशि का इंतजाम कहां से होगा यह पूछे जाने पर बताया गया कि यह उद्यान अमृत योजना के तहत बनाया जाएगा जिसमें पहले ही शहर में 5 उद्यान बनाए जाना प्रस्तावित है।

रांझी-मोहनिया में डुमना नेचर के बाद दूसरा बड़ा पार्क बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए वांछित 100 एकड़ नजूल भूमि को लेने प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है स्वीकृति मिलते ही अमृत योजना के तहत उद्यान का काम शुरू किया जाएगा। अमृत योजना फेस 2 के तहत शहर में कई उद्यानों में काम चल रहा है। जगत बहादुर सिंह अन्नू,महापौर।