आवारा घूमने वाली गायों को संरक्षण देने बनेगा कानून
मप्र में सड़कों पर घूमने वाले करीब 10 लाख गोवंश के लिए बनेगा 5 साल का प्लान
भोपाल। प्रदेश की सड़कों पर आवारा घूमने वाली गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए सरकार पांच साल का प्लान तैयार कर रही है। गायों को संरक्षण देने मुख्यमंत्री ने अपनी पहली प्राथमिकता में रखा है, इससे विभाग नया कानून ला सकती है। इसमें गोशालाओं को कांजी हाउस का दर्जा दिया जाएगा और पशु पालकों पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकेगा। विस्तृत प्लान बनाने के लिए 25 फरवरी को भोपाल में बड़ी कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रमुख तौर पर शामिल होंगे। प्रदेश में करीब दस लाख गोवंश सड़कों पर नजर आते हैं। आवारा घूमने वाली गायों को बचाने के लिए बन रहे प्लान के तहत बुधवार को मुख्य सचिव वीरा राणा ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक की। बैठक में एजेंडा पर चर्चा हुई। बताया गया कि सरकार साधु-संतों, रिलायंस फाउंडेशन, गोशाला संचालकों, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संस्थाओं के साथ मंथन कर गायों को बचाने के लिए कानून बनाने पर विचार करेगी।
कार्ययोजना पर इन बिंदुओं पर फोकस
- सड़कों और खेतों में विचरण कर रहे गोवंश को गोशालाओं तक पहुंचाने, परिवहन करने के लिए पंचायत, निकाय स्तर पर व्यवस्था की जाएगी और उन्हें बजट भी दिया जाएगा।
- मवेशी बारिश के दौरान सड़कों पर न बैठे, इसके लिए राजमार्गों के आसपास बसें गांवों में गोठान की भी व्यवस्था की जाएगी।
- सड़क हादसा अथवा अन्य कारणों से मृत गायों के शव का सम्मानपूर्वक निष्पादन किया जाएगा।
अधिनियम में संशोधन
गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इसमें पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, मप्र नगर पालिका एवं नगर पालिका अधिनियम में शामिल इस तरह के प्रावधानों पर भी विशेषज्ञों की राय से इसमें संशोधन किया जाएगा। सरकार इस बात पर भी मंथन करेगी कि गोशालाओं में प्रति गोवंश पर खर्च होने वाली तय राशि को बढ़ा सके।
प्रदेश में गोमाताओं को बचाने के लिए सरकार बड़ा प्लान बना रही है। सड़कों पर गायों की आकस्मिक मौत बचाना हमारी प्राथमिकता में है। लखन पटेल, राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी