11 माह में ही 70 हजार इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड वाहन बिके, यह 2022 से डेढ़ गुना अधिक
ग्वालियर। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की डिमांड बढ़ रही है। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो मप्र में बीते 11 महीने में (1 जनवरी से नवंबर 2023 तक) कुल 13.10 लाख वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें से करीब 70 हजार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन हैं, जबकि वर्ष 2022 में करीब 42 हजार ही रजिस्टर्ड हुए थे। इस तरह इस साल 11 महीने में ही 29 हजार अधिक इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, जो कि डेढ़ गुना ज्यादा है। एक महीने में यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा।
मप्र ऑटो मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण पटेल के अनुसार, ईवी के साथ चार्जिंग समस्या है। यही कारण है कि लोग हाइब्रिड वाहनों में रुचि दिखा रहे हैं। किसी व्यक्ति को इंदौर से मुंबई जाना है, तो वह इलेक्ट्रिक गाड़ी लेकर नहीं जा सकता। चार्जिंग के लिए उसे कहीं न कहीं रुकना पड़ेगा। हाइब्रिड वाहन में ये परेशानी नहीं है। पेट्रोल गाड़ी के साथ इलेक्ट्रिक बैटरी आसानी से चार्ज हो जाती है। इसके लिए अलग से रुकने या चार्ज करने की जरूरत नहीं है। 1 लीटर पेट्रोल में यह बैटरी को 4 से 5 किमी तक चार्ज कर देती है।
परिवहन विभाग को करोड़ों का टैक्स
वाहनों की बिक्री से मप्र परिवहन विभाग को टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए का फायदा हो रहा है। विभाग को वाहनों के टैक्स और परमिट जारी होने से इस साल लगभग 350 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि वर्ष 2022 में प्राप्त राजस्व से 40 करोड़ रुपए ज्यादा है। वर्ष 2022 में विभाग को 310 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।
नवंबर 2023 तक 13.10 लाख वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। यह आंकड़ा दिसंबर तक 15 लाख तक पहुंच सकता है। खरीद बढ़ने से विभाग को ज्यादा राजस्व मिल रहा है। - अरविंद सक्सेना अपर परिवहन आयुक्त, म.प्र.