6616 वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगे, 15 कंपनियां अधिकृत
ग्वालियर। परिवहन विभाग ने सवारी और शिक्षण संस्थानों के वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस, पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया है। विभाग ने डिवाइस लगाने के लिए पहले दस कंपनियों को अधिकृत किया था, मगर अब 5 और कंपनियों को डिवाइस लगाने की अनुमति दे दी है। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में 31 दिसंबर 2018 तक पंजीकृत वाहनों में ही डिवाइस लगना हैं। ऐसे वाहनोें की संख्या डेढ़ से दो लाख है। अभी तक 6616 वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन लग चुके हैं और 6547 वाहन कंट्रोल कमांड सेंटर से कनेक्ट हो गए हैं। विभाग ने पहले सिर्फ यात्री वाहनों में डिवाइस लगाने का आदेश जारी किया है। भोपाल के स्कूल की बस में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद स्कूल- कॉलेज की बसों में ट्रैकिंग डिवाइस, पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया गया है। वाहनों में लगे पैनिक बटन के दबने पर इसकी सूचना कंट्रोल कमांड सेंटर और डायल-100 पर जानकारी पहुंचती है। ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से पुलिस वाहन तक जल्द पहुंच जाती है।
डिवाइस लगाने के लिए ये कंपनियां अधिकृत हैं
परिवहन विभाग ने वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाने के लिए एक्यूट कम्युनिकेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, जीआरएल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, इकोगस इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, एक्यूट कम्युनिकेशन सर्विस प्रा. लिमिटेड, आरडीएम इंटरप्राइजेज लिमिटेड, एपीएम किंग्सट्रैक टेक्नोलॉजी, ब्लैक बॉक्स जीपीएस टेक्नोलॉजी प्रा. लिमिटेड, रोड प्वॉइंट लिमिटेड, कॉन्टेन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, साइन ऑटो सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, आर्या ओमीटॉक वायरलेस सोल्यूशन लिमिटेड, वटसू एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड, रोसमेट्रा ओटोटेक प्रा. लिमिटेड, आईट्राइएंगल इन्फोटेक प्रा. लिमिटेड, टेडी इंडिया प्रा. लिमिटेड, वॉल्टी लोट सोल्यूशन प्रा. लिमिटेड कंपनियों को अधिकृत किया है।
यात्री बस दूसरे रूट पर नहीं चल पाएगी, नहीं होंगे झगड़े
यात्री बस परमिट शर्त का उल्लंघन कर निर्धारित रूट के बजाए दूसरे रूट पर नहीं चल पाएंगी। दूसरे रूट पर बस चलने से आए दिन बस ऑपरेटरों में झगड़े होते थे, जो अब ऐसा नहीं होेगा, साथ बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर लोकेशन तत्काल पता चल जाएगी। माइनिंग में लगे ट्रक-डंपर एक रॉयल्टी पर कई चक्कर लगाते हैं मगर डिवाइस लगने से फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।
16 करोड़ की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार
सवारी वाहनों की मॉनीटरिंग के लिए भोपाल में 16 करोड़ की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार हो गया है। वाहनों में वीएलटीडी और पैनिक बटन लगने के बाद वाहन सेंटर से जुड़ गए हैं। सेंटर ने काम करना शुरू कर दिया है। सवारी वाहन में महिलाएं छेड़खानी या अन्य मामले पर पुलिस की मदद के लिए वाहन में लगे पैनिक बटन दबा सकती हैं। बटन के दबते ही कमांड सेंटर में इसकी जानकारी पहुंचेगी। सेंटर द्वारा ट्रैकिंग डिवाइस से वाहन की लोकेशन लेकर डायल-100 को सूचना दी जाएगी, इसके बाद पुलिस तत्काल वाहन के पास पहुंच जाएगी।
अभी तक 6 हजार से अधिक वाहनों में वीएलटीडी और पैनिक बटन डिवाइस लग चुकी हैं। डिवाइस लगााने के लिए 5 और कंपनियों को अधिकृत कर किया है, इसलिए अब 15 कंपनियां हो गई हैं। अरविंद सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त म.प्र.