‘समय पर मदद से 50 %की बच सकती है जान’
इंदौर। शहर में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। इससे निबटने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। पुलिस, प्रशासन और सरकार सभी इस पर कई स्तर पर काम कर रही हैं और जल्द ही शहरवासियो को इस मामले में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। डीसीपी ट्रैफिक मनीष कुमार अग्रवाल ने यह बातें एक कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि यदि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को समय पर मदद मिले तो भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने तेजी से बढ़ रहे हादसों को नियंत्रित करने शनिवार को रक्षा क्यूआर कोड का लोकार्पण भी किया।
क्यूआर कोड करेगा सेफ
प्रारंभ में हाईवे डिलाइट कंपनी, बेंगलुरु के डायरेक्टर राजेश ने बताया कि रक्षा क्यूआर कोड का मकसद लोगों के लिए सुरक्षा प्रदान करना है। इसके माध्यम से नागरिकों को सड़क दुर्घटना के मामले में आपातकालीन सहायता प्राप्त हो सकेगी। साथ ही लावारिस वाहनों से नागरिकों को होने वाली परेशानी से बचने के लिए वाहन स्वामी को तत्काल सूचना भी पहुंच सकेगी।
मदद करेगा क्यूआर कोड
रक्षा क्यूआर कोड वाहन मालिकों को हाईवे डिलाइट के साथ पंजीकरण करने और रक्त समूह, वाहन बीमा, चिकित्सा बीमा और पारिवारिक आपातकालीन विवरण सहित अपनी व्यक्तिगत जानकारी जोड़ने में मदद करता है।