इंदौर में डेंगू के 439 मरीज एक दिन में मिले पांच केस

इंदौर में डेंगू के 439 मरीज एक दिन में मिले पांच केस

इंदौर। डेंगू का डंक बढ़ता ही जा रहा है। शहर में बढ़ते डेंगू के मामले से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। डेंगू के बचने के लिए विभाग ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है। मानूसन और बारिश की विदाई भले ही सितंबर माह में हो चुकी है और अब सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन बारिश में होने वाले रोग डेंगू और वायरल बुखार लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इंदौर में अब तक 439 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं, वहीं पिछले तीन दिनों में डेंगू के 15 नए मरीज मिले हैं। शासकीय अस्पतालों की ओपीडी में फीवर से पीड़ित मरीजों बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस साल शहर में डेंगू मरीजों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई है। शुक्रवार को पांच नए मरीज मिले हैं। इसमें 2 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं।

लार्वा को कीड़े समझते हैं लोग, बचाव के लिए ये करें उपाय- जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत सिंह ने बताया अब तक 65 हजार घरों में सर्वे किया गया है, जिसमें से अब तक 1320 घरों में डेंगू का लार्वा मिला। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि बीमारी को नियंत्रित करने का प्रयास लगातार जारी है। इ

सके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसके अनुसार घर में ही सरल उपाय कर डेंगू से बचा जा सकता है। डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि मच्छर साफ पानी से भरे टैंक, टायर, सीमेंट की टंकियों, मटके, बाल्टियों, कूलर, छत पर रखे अनुपयोगी सामान, टूटे-फूटे बर्तन, पानी से भरे पॉलिथीन में अपने अंडे देता है, साथ ही साथ सीधे रखे खाली गमले, मटके एवं अन्य पानी से भरे बर्तन व सामान, कबाड़ियों द्वारा खुले में रखे गए सामान, पशुओं को पानी पिलाने के लिए रखे गए हौज में भी एडीज के लार्वा पाए जाते हैं, जिसे आम जनता पानी के कीड़े समझती है। हुकुमचंद पॉली क्लिनिक के डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में वायरल बुखार के मरीज अधिक है, जिसमें डेंगू के लक्षण हैं। इसी बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं। बच्चे बुखार के अधिक शिकार हो रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के मरीजों की संख्या अधिक है। वर्तमान में 40 प्रतिशत ओपीडी में बुखार के मरीज आ रहे हैं। बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने आसपास जलजमाव नहीं होने दें।