400 घोष वादकों ने वादन के साथ बनाई राम मंदिर शिखर की आकृति, निकला पथ संचलन

400 घोष वादकों ने वादन के साथ बनाई राम मंदिर शिखर की आकृति, निकला पथ संचलन

ग्वालियर। शिवरंजनी, सोनभद्र जैसी रचनाओं का वादन कर 400 घोष वादकों ने अयोध्या के राम मंदिर शिखर व वीर बाल दिवस की आकृति लय-ताल के साथ पथ संचलन में बनाई। जिसमें भारत माता, घोड़े पर बैठकर वीरांगना लक्ष्मीबाई, साहिबजादे, दाताबंदी छोड़, शिवाजी महाराज सहित रामेश्वरम स्थापना, संगीत नगरी, शबरी आश्रम, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, कन्याकुमारी की झांकी को देखकर लोगों ने श्रद्धा से नमन किया। मंगलवार को विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के सभी विद्यालयों में अध्ययनरत भैया-बहनों का प्रांत स्तरीय घोष वादन प्रतियोगिता व पथ संचलन जयेन्द्रगंज स्थित सरस्वती शिशु मंदिर नदी द्वार में आयोजित हुआ।

जिसमें 400 से अधिक वादकों ने सामूहिक घोष का प्रदर्शन में विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के प्रांतीय संगठन मंत्री निखिलेश माहेश्वरी, भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जयहिंद सिंह भदौरिया, सरस्वती शिक्षा समिति अध्यक्ष तरुण मित्तल, गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ ग्वालियर के गुरुजंत सिंह मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम में छात्राओं ने उड़ि-उड़ि जाए घूंघटा गीत और पियूष तांबे ने व्यक्तिगत गीत मैं रहूं या न रहूं भारत रहना चाहिए की प्रस्तुति दी। हरपाल सिंह सोलंकी ने घोष प्रदर्शन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। इस अवसर पर विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के सह प्रांत प्रमुख चंद्रहंस पाठक, ज्ञान सिंह कौरव आदि उपस्थित रहे।

घोष वादन में इन्होंने मारी बाजी: घोष वादन प्रतियोगिता के बालिका वर्ग में प्रथम स्थान सरस्वती शिशु मंदिर नदी द्वार व बालक वर्ग में सरस्वती शिशु मंदिर अशोक नगर ने प्राप्त किया। बालक वर्ग में दूसरा स्थान सरस्वती शिशु मंदिर सीहोर, किशोर वर्ग में प्रथम मुरैना, द्वितीय भरतगढ़ दतिया ने प्राप्त किया।

गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रों से लें प्रेरणा : माहेश्वरी: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निखिलेश माहेश्वरी ने कहा कि हमें सिक्खों के 10वें गुरु गुरुगोविन्द सिंह के पुत्रों फतेह सिंह और जोरावर सिंह के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने हंसते-हंसते धर्म के लिए प्राण त्याग दिए।

भाजपा ने सभी मंडलों में मनाया वीर बाल दिवस

वीर बाल दिवस बच्चों की निडर भावना का प्रेरक है। यह एक ऐसा दिन है जो युवा नायकों के साहस को पहचानता है और उनका सम्मान करता है। दूसरों को बहादुर और लचीला बनने के लिए प्रेरित करता है, यह दिन अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह बच्चों में जिम्मेदारी और सहानुभूति की भावना पैदा करती है जिससे वह भविष्य के जिम्मेदार और साहसी नागरिक बनते हैं। यह बात जिलाध्यक्ष अभय चौधरी ने मंगलवार को बीर बाल दिवस के अवसर पर कही। इसी क्रम में भाजपा ने सभी मंडलों में भी बीर बाल दिवस मनाया।इसी क्रम में प्रभात फेरी गुरुद्वारा से प्रारंभ होकर दीनदयाल मॉल, फूलबाग चौराहे होते हुए गुरुद्वारा पर समाप्त हुई।

आसमान में चमके बनकर सितारे, चार साहबजादे वीर हमारे: नीरु ज्ञानी

गुरु गोविन्दसिंह के खून थे वो, बाबा तेग बहादुर जी के पोते थे वो, शीश कटाना जानते थे। मुगल झुके, अंबर झुका। शान में उनकी खुद रब झुका। आसमान में चमके बनकर सितारे, चार साहबजादे वीर हमारे। उपरोक्त पंक्तियां पंजाबी साहित्य अकादमी की निदेशक नीरू सिंह ज्ञानी ने शासकीय उत्कृष्ट मुरार में वीर बालक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। श्रीमती ज्ञानी ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी विद्यार्थी एवं आने वाली पीढ़ी इस अप्रतिम बलिदान से परिचित हो सकें। गुरु गोंिवंदसिंह के साहिबजादों का बलिदान हिंदुस्तान हमेशा याद रखेगा। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला अधिकारी अजय कटियार, जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर उपस्थित थे।