Vikram and Pragyan will wake up charged by sunlight
बेंगलुरु। चांद पर अब 14 दिनों के बाद सूर्योदय हो चुका है। इसरो ने गत 4 सितंबर को लैंडर विक्रम को स्लीप मोड में डाल दिया था, जबकि 2 सितंबर को प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाल दिया गया था। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में शिव शक्ति बिंदु पर जब फिर से सूर्य का प्रकाश लौटेगा तो इन्हें आॅन किया जाएगा। इसके लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पर्याप्त रोशनी और सही तापमान होने का इंतजार इसरो कर रहा था। अब सूर्योदय के 4 दिन बाद सूर्य का प्रकाश आने के साथ ही लैंडर और रोवर के फिर से एक्टिव होने की उम्मीद है। इसरो ने पहले ही कह दिया था कि दोनों ही सूर्य की रोशनी मिलते ही चार्ज हो जाएंगे और एक्टिव मोड में आ जाएंगे। इसरो 22 सितंबर को संचार प्रयास शुरू करने से पहले तापमान के निर्धारित स्तर तक बढ़ने का इंतजार करेगा।
इसरो वैज्ञानिकों को डाटा एक्यूरेसी की उम्मीद
इसरो सीपीबीओ डायरेक्टर डॉ. एन सुधीर कुमार के मुताबिक उम्मीद पर दुनिया कायम है। दोबारा संपर्क हो गया तो तमाम नए पहलू सामने आएंगे। दरअसल लैंडर और रोवर के दोबारा जागने पर इसरो वैज्ञानिक डाटा एक्यूरेसी की उम्मीद कर रहे हैं। यानी पहले जो डाटा मिला, वैसा ही डेटा दोबारा मिलना शुरू हो जाएगा। दोनों की समीक्षा से यह पता चलेगा कि कौन ज्यादा सटीक है। विज्ञान में जितना सटीक डाटा वैज्ञानिकों के पास होगा, उन्हें भविष्य के परीक्षणों में उतनी ही आसानी होगी।
चंद्रयान-3 दे चुका है कई अहम जानकारियां
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने कई अहम सूचनाएं इसरो को भेजी हैं। जैसे इल्सा पेलोड ने चंद्रमा की सतह पर भूकंप रिकॉर्ड किया। एलआईबीएस (लिब्स) ने चांद पर सल्फर, एल्युमिनीयम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी की सूचना दी। साथ ही मैगनीज, सिलिकॉन और आॅक्सीजन के सतह पर मौजूद होने के बारे में बताया। रंभा-एलपी ने सतह पर प्लाज्मा होने पर कम घना होने की सूचना दी।