बिकाऊ सीबीआई टीम के निरीक्षण पर मान्यता पाने वाले 4 नर्सिंग कॉलेज रडार पर
ग्वालियर। अंचल के नर्सिंग माफिया की भोपाल सीबीआई से सांठगांठ के खुलासे के बाद अब अंचल के ऐसे नर्सिंग कॉलेज रडार पर हैं जिनको भोपाल सीबीआई के निरीक्षण के बाद क्लीनचिट मिल गई थी और इन्होंने कागजों में कॉलेज व अस्पताल दिखाकर मान्यता हासिल की है। बिकाऊ सीबीआई टीम के निरीक्षण में ग्वालियर अंचल के पांच कॉलेजों को मान्यता मिली, जिनमें से एक भास्कर कॉलेज ऑफ नर्सिंग का संचालक जुगल किशोर शर्मा एवं एक दलाल गिरफ्तार हो चुका है, कार्रवाई की अगली तलवार बाकी के चार कॉलेज संचालक पर लटकी हुई है, यह कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
लेनदेन के दम पर मान्यता लेने वाले इन नर्सिंग कॉलेजों में ग्रंथम कॉलेज ऑफ नर्सिंग, फ्लोरेंस नाइट एंगल एवं मां कैला देवी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एवं रायरू स्थित सीआरएम नर्सिंग कॉलेज हैं। यही नहीं अंचल में चल रहे 130 नर्सिंग कॉलेजों में से अधिकतर कॉलेजों में फर्जीवाड़ा सालों से चल रहा है। मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के लोग आंख बंद करके बैठे हुए हैं, कई बार इस यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों पर भी सवाल उठ चुके हैं। पीपुल्स समाचार जल्द ही अंचल के सभी नर्सिंग माफियाओं व दलालों का खुलासा करने वाला है।
अंडरग्राउंड होने की तैयारी में माफिया, दलाल भागे
इन सभी कॉलेजों में नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, इसके बाद भी इन्हें हरी झंडी मिल गई, लेकिन सीबीआई दिल्ली द्वारा पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद धीरे-धीरे पूरे गिरोह का भंडाफोड़ होने लगा है। इसी की वजह से इन सभी फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं और वह अंडर ग्राउंड होने की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर इन सब में सेटिंग का खेल करने वाले कई दलाल अंडरग्राउंड हो गए हैं।
न तो अस्पताल न ही स्वयं का भवन
नर्सिंग कॉलेज के नियमों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 492 कॉलेजों को बीएससी नर्सिंग की मान्यता प्राप्त है, जिसमें बीएससी नर्सिंग की कुल 2500 सीटें हैं। नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों की बात की जाए तो इसके लिए सबसे पहली शर्त नर्सिंग कॉलेज के पास 100 बेड का अस्पताल होना चाहिए, इसके बाद 23 हजार स्क्वायर फीट की बिल्डिंग होनी चाहिए, 10 बच्चों पर एक टीचर होना चाहिए आदि। नर्सिंग माफिया दलालों के माध्यम से लाखों रुपए की रिश्वत देकर जांच टीम को खरीद लेते हैं और मान्यता ले आते हैं। इसके बाद शुरू होता है कमाई का खेल। यह लोग नर्सिंग की चाह रखने वाले छात्रों से तय फीस से कहीं अधिक मोटी रकम लेते हैं, बदले में लालच दिया जाता है कि क्लासेस अटेण्ड नहीं करनी होंगी, प्रैक्टिकल से लेकर पेपर में नकल तक सब की गारंटी ली जाती है।
नर्सिंग माफियाओं ने छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया है, सीबीआई दिल्ली की टीम से शहर के कई नर्सिंग माफिया अभी भी बचे हुए हैं, अभी केवल चंद लोगों पर ही कार्रवाई हुई है। कई नर्सिंग माफिया भोपाल में डेरा डाले हुए हैं, इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए। -उपेन्द्र गुर्जर,जिला ध्यक्ष नर्सिंग छात्र संगठन